विश्वकर्मा जयन्ती के ठीक पहले प्रस्तुत बजट में विश्वकर्मा समाज को मिली बड़ी सौगात
भगवान विश्वकर्मा प्रकट उत्सव यानी विश्वकर्मा जयंती के ठीक दो दिन पहले संसद में प्रस्तुत
सम्पादकीय
भगवान विश्वकर्मा प्रकट उत्सव यानी विश्वकर्मा जयंती के ठीक दो दिन पहले संसद में प्रस्तुत
आंखों में गुस्सा, हाथों में बैनर और तख्तियां, जुबां पर हरिभूषण ठाकुर-माफी मांगो! हरिभूषण ठाकुर
वह दिन दूर नहीं जब आने वाले दिनों में भगवान विश्वकर्मा के वंशजों की ताकत
विगत 21 वर्षों से सामाजिक सरोकारों, शिक्षा के प्रति जागरूकता, प्रतिभाओं का मनोबल बढ़ाने, राजनीतिक
यूं तो भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि रचयिता, देवलोक का इंजीनियर, आदि अभियंता आदि-आदि शब्दों से
पूरा देश आज़ादी की 74वीं वर्षगांठ यानी स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रतिवर्ष जैसे ही
जी हां, यह बात कड़वी जरूर है पर सच है। देश में बने लोहार और
कहने को तो विश्वकर्मा समाज के हजारों संगठन, हजारों राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजनीतिक पार्टियों को
भारत भूति संतों, ऋषियों, मुनियों की तपोस्थली रही है। यहां एक से बढ़कर एक संत
व्यक्ति रहे न रहे, यदि उसके कर्म अच्छे हैं तो वह हमेशा अमर रहेगा। ऐसे