दिवंगत शिक्षक विश्वनाथ विश्वकर्मा पर बनी फिल्म- ‘पटरी पर पाठशाला’

Spread the love
व्यक्ति रहे न रहे, यदि उसके कर्म अच्छे हैं तो वह हमेशा अमर रहेगा। ऐसे ही एक अमर व्यक्तित्व का नाम सामने है विश्वनाथ विश्वकर्मा। उनके दिवंगत होने के बाद भी शिक्षा क्षेत्र में किये गये योगदान के लिये लोग उन्हें याद कर रहे हैं। यहां तक कि उन पर एक फिल्म बनी है, जिसका नाम है ‘पटरी पर पाठशाला।’ चलंत विद्यालय के जनक, सह राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक विश्वनाथ विश्वकर्मा की सड़क हादसे में मौत हो गई।
विश्वनाथ विश्वकर्मा विराट व्यक्तित्व के धनी पुरुष थे, कर्मवीर थे। वह चलंत विद्यालय की परिकल्पना से देश-दुनिया में ख्याति अर्जित किये। वह गया और नवादा का सर ऊंचा कर गौरवान्वित किये थे। वह नवादा जिले के मिजार्पुर के निवासी थे। दिवंगत विश्वनाथ विश्वकर्मा ने वर्ष 1991 में चलंत विद्यालय की परिकल्पना रखी थी जो काफी मशहूर हुई। इस माध्यम से वे गरीबों, वंचितों में शिक्षा की अलख जगाते रहे। जाहिर हो कि गया-किऊल रेलगाड़ी में हाकरों को अक्षर ज्ञान कराने वाले विश्वनाथ विश्वकर्मा चलता-फिरता स्कूल की सकारात्मक परिकल्पना को साकार कर चल बसे।
वह अनगिनत निरक्षर को शिक्षित कर अक्षर ज्ञान की ताकत प्रदान किये। वह सिवान जिला शिक्षा पदाधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली के सहारे विश्वनाथ विश्वकर्मा को कई सम्मान भी प्राप्त हुए थे। लेखक व पत्रकार अशोक कुमार अंज ने उनके जीवन पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘पटरी पर पाठशाला’ दूरदर्शन पटना के सहयोग से बनाई जो काफी लोकप्रिय हुई। वहीं लेखक द्वारा लिखित स्क्रिप्ट पर ईटीवी बिहार ने भी लघु डॉक्यूमेंट्री बनाई। ईटीवी बिहार ने महामना विश्वनाथ विश्वकर्मा को ‘बिहारी हो तो ऐसा’ का सम्मान देकर सम्मानित किया। उनके जाने से शिक्षा जगत में अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी शिक्षा की अलख को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश के शिक्षक वर्ग को विश्वनाथ विश्वकर्मा जैसे उच्च विचार वाले महा मानव से सीख लेनी चाहिये।
‘विश्वकर्मा किरण’ पत्रिका परिवार की तरफ से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। साथ ही लेखक व पत्रकार अशोक कुमार अंज को डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘पटरी पर पाठशाला’ बनाने के लिये धन्यवाद।
—कमलेश प्रताप विश्वकर्मा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: