कारीगर के बेटे ने यूपीएससी में पाई सफलता, कोचिंग फीस के लिए करनी पड़ी नौकरी
झालावाड़। परिश्रम कभी भी व्यर्थ नहीं होती, सफलता एक दिन जरूर मिलती है जैसे पवन कुमार सुथार को मिल गई। लक्ष्य प्राप्ति के लिये पवन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, उन्होंने सफलता प्राप्ति के लिये वह सब किया जो कर सकते थे। राजस्थान प्रदेश के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी निवासी एक गरीब मजदूर के बेटे पवन कुमार सुथार ने यूपीएससी में 816वीं रैंक प्राप्त कर समाज व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनके पिता रामेश्वर सुथार कारीगर हैं और मां कौशल्या बिल्कुल अनपढ़। सो घर के हालात ऐसे नहीं थे कि दूसरे शहर में रहने का खर्च उठा सकें और कोचिंग की भारी फीस चुका सकें। सपने बड़े थे और संसाधन सीमित, लेकिन पवन कुमार ने इनकी परवाह नहीं की। पवन ने अपनी प्रांरभिक शिक्षा भवानीमंडी के निजी विद्यालय एवं माध्यमिक शिक्षा सेठ आनन्दी लाल पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय से पूरी की है। उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जयपुर के एनआईटी कॉलेज से बीटेक किया। सेल्फ पढ़ाई कर आईएएस की तैयारी की और आज परिणाम सबके सामने है।
पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने यूपीएसी की परीक्षा चौथी बार में पास की। इससे पहले 2018 पहली बार इंटर 6 में असफल होने के बाद भी मंजिल को पाने की चाह को लेकर 2019 में दूसरी बार प्री पास हुआ। वहीं तीसरी बार 2021 में उसने प्री किलयर किया। उसके बाद 2024 में नियमित रूप से 5 से 6 घंटे बिना कोचिंग के पढ़ाई कर यूपीएसी परीक्षा को पास किया। इसी दौरान उसने एक कोचिंग ज्वाइन की। स्वयं की पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए उसने उसी कोचिंग संस्थान में कक्षा 10वीं से 12वीं के छात्रों को गणित विषय पढ़ाया। बेटे की सफलता के बाद रामेश्वर सुथार और उनका पूरा परिवार बहुत खुश है। परिजनों, रिश्तेदारों, मित्रों और शुभचिंतकों की तरफ से बधाइयां मिल रही है।