कोरोना से निपटने को जरूरी सामान उपलब्ध करा रहा “एकल अभियान”
लखनऊ। कोरोना वायरस (COVID-19) से निपटने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के संगठन “एकल अभियान” ने इस समय अपने समस्त आचार्यों, स्वराज सेनानियों, सेवाव्रती कार्यकर्ताओं एवं नगर संगठन व ग्राम संगठन से जुड़े हुए समस्त पदाधिकारियों को कार्यक्षेत्र में उतार दिया है। भारत वर्ष के एक लाख गाँवों में चल रहे एकल विद्यालयों एवं उनके सम्पर्कित 4 लाख गाँवों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से प्रत्येक गाँव से जुड़े हुए 10 युवक/युवतियों को कोरोना निवारण अभियान में लगा रखा है। यह कार्यकर्ता गाँवों के अभावग्रस्त नागरिकों की सहायता कर रहे हैं।
महामन्त्री माधवेन्द्र सिंह ने बताया कि एकल अभियान ने विभिन्न प्रदेशों में चल रहे अपने ग्रामोत्थान संसाधन केन्द्रों में प्रतिदिन दस हजार मास्क एवं 100 बोतल सेनिटाइजर बनाने का अभियान चला रखा है। देश के विभिन्न जिलों में स्थानीय प्रशासन को निःशुल्क वितरण हेतु मास्क उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। विभिन्न महानगरों में कार्य कर रहे ग्रामीण श्रमिकों के अपने गाँव लौटने पर उन्हें भी इन स्वराज सैनिकों ने अपने गाँव मे प्रवेश नहीं करने दिया अपितु स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर महानगरों से लौटने वाले श्रमिकों को क्वारंटाइन कराने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामोत्थान संसाधन केन्द्र में 392 महिला कार्यकर्ता रात-दिन भारत भर में फैले सिलाई प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से मास्क व सैनिटाइजर तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। एकल अभियान, देश भर के गाँवों में यह मास्क निःशुल्क वितरित करवाने का प्रयास कर रहा है।
अभावग्रस्त ग्रामीणों को लॉकडाउन के प्रथम सप्ताह में तो अपने पास से भोजन कराने का प्रयास किया गया किन्तु अब विभिन्न स्थानों पर प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क करके राशन वितरित करवाने का प्रयास किया जा रहा है। लखनऊ में स्थित “गुडमॉर्निग ब्रेड” फैक्ट्री के माध्यम से लखनऊ इकाई के सचिव भूपेन्द्र अग्रवाल ने नियमित रूप से लखनऊ जिले के गाँव-गाँव में फैले हुए एकल विद्यालयों के माध्यम से ब्रेड वितरित करवाने का प्रयास किया है। एकल अभियान के केन्द्रीय कार्यालय, दिल्ली द्वारा प्रतिदिन ग्रामवासियों के जागरण हेतु कोरोना वायरस से सावधानी युक्त संदेश देश के 5 लाख गाँवों में फैले हुए कार्यकर्ताओं तक भेजने का सफल प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास के माध्यम से अब ऐसा लगने लगा है कि भारत के गाँवों में हम कोरोना महामारी को प्रवेश नहीं करने देंगे।