हरियाणा प्रशासनिक अधिकारी के रूप में हुई डॉ0 नरेश कुमार जांगिड़ की नियुक्ति

चंडीगढ़। जिस व्यक्ति में पिता की राष्ट्रभक्ति, देश प्रेम और अनुशासन का जज्बा हो तथा माता श्री के राष्ट्र निर्माण और बच्चों के सुखद भविष्य की परिकल्पना का संगम हो तो उनके बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता है। यह सिद्ध करके दिखलाया है, नरेश कुमार जांगिड़ ने जिन्होंने माता-पिता के उदात्त संस्कारों को आत्मसात करते हुए प्रशासनिक सेवा में जाने के अपने संकल्प को पूरा किया है। डॉ0 नरेश ने प्रारम्भिक शिक्षा हिसार से ली तथा वर्ष 1983 में 10वीं कक्षा पास की। ततपश्चात वर्ष 1988 में किशनलाल पब्लिक कालेज रेवाड़ी से स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके पश्चात उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह कुरुक्षेत्र चले गए जहां उन्होंने वर्ष 1990 में मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। उन्होंने आगे की पढ़ाई जारी रखी और 1993 में राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल करके अपने विषय में पांरगता हासिल की। अपने में समाहित उच्च आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लेते हुए उन्होंने प्रशासनिक सेवा के माध्यम से जनसेवा करने का संकल्प लिया और इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में एकाग्र होकर कम्पीटीशन की तैयारी शुरू कर दी।
डॉ0 नरेश वर्ष 1996 में पहली बार नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त हुए। उसके पश्चात अपनी प्रतिभा और कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते हुए वर्ष 2010 में तहसीलदार और वर्ष 2017 में जिला राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नत हुए। परमात्मा की अनुकम्पा से हाल ही में नवम्बर 2019 में हरियाणा प्रदेश की सर्वोच्च सेवा ‘हरियाणा सिविल सर्विस’ में नामित हुए हैं।
अपनी मेहनत और साधना का उन्हें पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने जांगिड़ समाज का गौरव बढ़ाने के साथ-साथ अपने माता-पिता का नाम भी रोशन किया है। समस्त जांगिड़ ब्राह्मण समाज की तरफ से आपको ढेर सारी शुभकामनाएं। परमात्मा की अनुकम्पा आप पर सदैव बनी रहे और आप जीवन में निरंतर अग्रसर होते रहें ऐसी समाज के लोगों की मनोकामना है।
-राम भगत शर्मा, चंडीगढ़