राजेन्द्र कुमार जांगिड़ बने हरियाणा सिविल सेवा के प्रतिष्ठित अधिकारी
चंडीगढ़। जीवन में आशातीत सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य निर्धारित होने के साथ-साथ आगे बढ़ने के उत्कृष्ट अभिलाषा और जिजीविषा जरुरी है। यह सिद्ध करके दिखलाया है अपनी सतत् साधना और मेहनत के बल पर राजेन्द्र कुमार जांगिड़ ने। यद्यपि वे भिवानी जिले के नलोई गांव में पैदा हुए जहां पर शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। इसी को ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने अपनी 10वीं कक्षा 1987 में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिवानी मंडी से पास की। इनके पिता जी यद्यपि एक किसान हैं, लेकिन अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने में भरपूर सहयोग दिया और माता-पिता के आशीर्वाद से ही वह आज राज्य की प्रशासनिक सेवा के पद पर शोभायमान हुए हैं।
उनका लक्ष्य तो प्रशासनिक सेवा के माध्यम से जनसेवा करने का था और इस निर्धारित मुकाम को हासिल करने के लिए उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए वह हिसार चले गए। जहां पर उन्होंने वर्ष 1994 में स्नातक और वर्ष 1997 में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय से जनसंचार माध्यम से प्रथम दर्जे में स्नातकोत्तर में डिग्री हासिल की। वे यहीं पर नहीं रुके अपितु उनकी ज्ञान-पिपास निरन्तर बढ़ती रही और फिर उन्होंने वर्ष 2000 में एमबीए की परीक्षा पास की। श्री जांगिड़ अपने गंतव्य की ओर निरन्तर अग्रसर रहे तथा कठोर साधना और मेहनत के बल पर उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जगह बनाई और वर्ष 2004 में वह कलाश-ए-तहसीलदार के पद पर नियुक्त हुए। तदोपरांत पदोन्नति पाकर वे वर्ष 2016 में जिला राजस्व अधिकारी बनाए गए। इसी वर्ष 2019 के नवम्बर माह में एचसीएस अधिकारी के रुप में नियुक्ति पाकर जांगिड़ ने समाज को गौरवान्वित किया है।
वह अपनी प्ररेणा अपने अभिभावकों को मानते हैं। इसके साथ ही भगवान की भी उन पर सदैव अनुकम्पा रही है। जांगिड़ ब्राह्मण समाज इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।आशा करता है कि आप अपने कर्तव्य का भलीभांति निर्वहन करते हुए प्रदेश एवं देश का नाम गौरवान्वित करेंगे।
-राम भगत शर्मा, चंडीगढ़