पुनीत जांगिड़ बने आबकारी एवं कराधान अधिकारी

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कुरुक्षेत्र। जिले के छोटे से गांव जींन्जरपुर में पैदा हुए पुनीत जांगिड़ ने आबकारी एवं कराधान अधिकारी बन अपने परिवार और गांव के साथ ही समाज का नाम रोशन किया है। पुनीत के माता-पिता के सपने महान थे। इन सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना गांव इसलिए छोड़ा कि छोटे किसान होने के कारण शहर में अपने लाडले बेटे की पढ़ाई का खर्च देने में सक्षम नहीं थे। इसलिए परिवार को गांव छोड़ कर कुरुक्षेत्र में शिफ्ट करना पड़ा ताकि छोटा-मोटा व्यापार करके बेटे और बेटी दोनों की उच्च शिक्षा का खर्च चलाया जा सके। परमात्मा की अनुकम्पा से और पिता सुमेर चन्द जांगिड़ तथा धर्म परायण माता सुषमा रानी के आशीर्वाद से पुनीत जांगिड़ को हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता हासिल हुई है।
पुनीत ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही ग्रहण की। उसके पश्चात हायर सेकेण्डरी की परीक्षा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 10+2 स्कूल से 2009 में पास की। उसके पश्चात चाचा रामकुमार के मार्गदर्शन के अनुसार एनआईटी कुरुक्षेत्र से 2013 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। पुनीत ने बताया कि उस समय मैं आईआईटी में भी दाखिला ले सकता था लेकिन मैंने अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही कुरुक्षेत्र में दाखिला लेना उचित समझा। पुनीत ने बताया कि वह अपने माता-पिता के सपने को साकार करना चाहते थे इस लिए उन्होंने अथक परिश्रम और पुरुषार्थ किया जिसका परिणाम आज आप लोगों के सामने है। परमात्मा की असीम कृपा से मेरा कैम्पस में सेलेक्शन हो गया और मैंने सन् 2014 में केन्द्रीय संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत अनुसंधान इंजीनियर के रूप में नौकरी ज्वाइन की। उन्होंने कहा कि उनका अंतिम लक्ष्य आईएएस की परीक्षा पास करके अपने अभिभावकों का सपना पूरा करने के साथ-साथ देश और समाज सेवा करना है। पहले दो बार वह आईएएस की परीक्षा के लिए साक्षात्कार तक पहुंच चुके हैं। भगवान उनकी इस इच्छा को अवश्य ही पूरा करेंगे। परिश्रम करने वालों की कभी हार नहीं होती है।
पुनीत जांगिड़ की सफलता पर जांगिड़ समाज में हर्ष है। लोग उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दे रहे हैं। “विश्वकर्मा किरण” पत्रिका परिवार की तरफ से भी बधाई व शुभकामनाएं।

-राम भगत शर्मा, चंडीगढ़

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