पार्वती जांगिड़ सुथार के सीमा सुरक्षा प्रहरी अभियान का गया में हुआ समापन
जोधपुर/पटना/गया। सीमावर्ती देशों की विस्तारवादी नीतियों ने राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के प्रश्न को और जटिल बना दिया है। देश की समुचित उन्नति और विकास के लिए 15106.7 किमी लम्बी जमीनी और 7516.6 किमी लम्बी सागरीय सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना नितांत आवश्यक है। इसका दायित्व राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के साथ-साथ सामान्य नागरिक का भी है। समाज को सीमा सुरक्षा के प्रति संवेदनशील, जागृत, संगठित और देश-भक्ति से अनुप्राणित बनाए बिना सीमा सुरक्षा का कार्य अधूरा है। बॉर्डर पर जवानों का मनोबल उच्चकोटि का हो तो सीमा पर रहने वाले लोग सदैव सजग हो। इस ध्येय को साकार करने के लिए मूल सीमान्त गाँव गागरिया, बाड़मेर हाल गायत्री नगर, जोधपुर की बेटी पार्वती जांगिड़ सुथार समर्पित हैं। पार्वती ही नहीं हम सबका मानना है कि सुरक्षित सीमा ही समर्थ भारत का आधार है।
सुरक्षित सीमा-समर्थ भारत, सीमा प्रहरी का उच्च मनोबल-सजग हो, इन उद्देश्यों को समर्पित पार्वती जांगिड़ की आठ दिवसीय सैनिक और सीमा क्षेत्र संवाद यात्रा का सशस्त्र सीमा बल के विशेष ऑपरेशन सेक्टर गया, बिहार में समापन हुआ। कार्यक्रम में पार्वती ने जवानों को सम्बोधित किया तथा ड्रग्स व मानव तस्करी रोकने, बॉर्डर सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान, नक्सल ऑपरेशन में विशेष भूमिका निभाने वाले वीर जवानों को युवा संसद, भारत की तरफ से उत्कृष्टता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया तथा सभी सीमा प्रहरियों को तिलक कर रक्षासूत्र बाँध उनकी दीर्घायु, स्वस्थ-सुखद जीवन की प्रार्थना की।
सीमा सुरक्षा के लिए आह्वान करते हुए पार्वती ने कहा कि एसएसबी की अद्वितीय सुरक्षा प्रणाली और सामाजिक सरोकारों को बिग सैल्यूट। भारत के सम्मान और संप्रभुता को विश्व-पटल पर अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए सीमाओं की सुरक्षा अति आवश्यक है। भीष्म पितामह के शब्दों में देश की सीमा माता के वस्त्र के समान होती है एवं उसकी रक्षा करना पुत्र का प्रथम कर्तव्य है। हमारे पूर्वजों और मनीषियों ने इस महत्व को समझा था और इसके पालन के लिए सर्वस्व अर्पित करने के उदाहरण रूप में स्वयं को प्रस्तुत किया था। इसलिए भारत अतीत-काल से अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए भी सुरक्षित रहा। लेकिन वर्तमान समय में एक बार फिर से भारत की सामरिक स्थिति पर आघात हो रहा है इसलिए आओ हम सभी राष्ट्र युग धर्म के प्रति अपने कर्त्तव्य पालन के लिए कृत-संकल्प हों, विशेषकर सीमा प्रहरी और सीमा पर रहने वाले लोगों को हमेशा हर पल सजग रहने की शख्त जरूरत हैं।
जवानों को सम्बोधित करते हुए सिस्टर ऑफ़ सॉल्जर, सिस्टर ऑफ़ बीएसफ, सिस्टर ऑफ़ एसएसबी पार्वती ने कहा कि मैं सुदूर बॉर्डर पोस्टों पर जा-जाकर जवानों को सम्मानित कर रही हूँ और उनकी कलाई पर रक्षासूत्र भी बांध रही हूँ, इससे जवानों का हौंसला अफजाई होती है जो मेरे लिए ख़ुशी की बात है। साथ ही सीमान्त क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रही हूँ, उन्हें राष्ट्रीय कर्तव्य के प्रति प्रेरित कर उन्हें अहसास करा रही हूँ की सेकंड लाइन ऑफ़ डिफेन्स आप ही हैं। आप संदिग्ध गतिविधियों की सूचना नजदीकी थाने या बीएसफ, एसएसबी, आईटीबीपी इत्यादि सुरक्षा बलों को दें।
इन आठ दिनों में पार्वती ने नापा भारत नेपाल का बॉर्डर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा-
पूरे प्रवास के दौरान अलग अलग कार्यक्रमों में युवा संसद, भारत की चैयरपर्सन और ग्लोबल गुडविल एम्बेसडर पार्वती ने आईजी सहित 21 अधिकारियों व लगभग 121 जवानों को ड्रग्स व मानव तस्करी रोकने, बॉर्डर सुरक्षा में उत्कृष्ट योगदान, नक्ससल ऑपरेशन में विशेष भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया।
उच्चकोटि की उपलब्धि एवं सेवा को उच्चकोटि का सम्मान एसएसबी पटना के जांबाज महानिरीक्षक आईपीएस संजय कुमार को भारत श्री सम्मान और अंतरराष्ट्रीय पदक-
भारत का सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाने में आईपीएस संजय कुमार के बहुमूल्य योगदान को देखते हुए युवा संसद भारत और भारत श्री सम्मान समिति, नई दिल्ली की तरफ भारत के राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरुस्कारों में से एक भारत श्री सम्मान प्रदान किया गया। आईपीएस संजय कुमार की उत्कृष्ट लीडरशिप, भिन्न-भिन्न नक्सल ऑपरेशन, मानव तस्करी रोकने, नारकोटिक्स कंट्रोल में सराहनीय योगदान को मान्यता देते हुए भारत श्री सम्मान के साथ यूएनएसडीजी-सीजीआईएम की ओर से अंतरराष्ट्रीय पदक भी प्रदान किया गया। ज्ञात हो पार्वती जांगिड़ यूएनएसडीजी-सीजीआईएम की ग्लोबल गुडविल एम्बेसडर हैं। साथ ही उन्हें प्रेसिडेंट ऑफ ऑनर का पॉवर दिया गया है जिसके फलस्वरूप वे सेंटर के इंटरनेशनल मेडल और मानद उपाधियों को यूएन कंट्रीज में मानवता, शान्ति, बहादुरी, सेवा, मानव तस्करी रोकने, यूएन सतत विकास लक्ष्य इत्यादि क्षेत्रों में प्रदान कर सकती हैं। फिलहाल भारत के लिए 5 अंतरराष्ट्रीय पदक रिजर्व हुए थे जिसमें 2 एसएसबी के बहादुर जवानों को प्रदान किये गए।
32वीं वाहिनी के कमांडेट दीपक सिंह को भी इंटरनेशनल ब्रेवरी मेडल-
32वीं वाहिनी को ‘‘प्राइड ऑफ एसएसबी‘‘ कहा जाता है। हाल ही जुलाई-2020 में स्पेशल ऑपरेशन मुठभेड़ में चार नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया था, मुठभेड़ जिस जगह हुई वह वाल्मिकी रिजर्व, भारत-नेपाल बॉर्डर का सुदूर जंगली इलाका है। इससे पहले कमांडेट दीपक सिंह ने कई ऑपरेशन को लीड किया व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इनके विशेष योगदान को मान्यता देते हुए यह ‘‘इंटरनेशनल ब्रेवरी मेडल‘‘ प्रदान किया, साथ ही स्पेशल ऑपरेशन टीम मेंबर्स को ‘‘उत्कृष्टता प्रमाण पत्र‘‘ से सम्मानित किया।
यूएन मिशन कोसावो व सूडान में बहुमूल्य योगदान के लिए डीआईजी के0 रंजीत व कमांडेट राजन कुमार श्रीवास्तव ‘‘भारत श्री‘‘ से सम्मानित-
एसएसबी मुजफरपुर सेक्टर के उप-महानिरिक्षिक के0 रंजीत को उनके यूएन मिशन कोसोवो व 51वीं वाहिनी के कमांडेट राजन कुमार श्रीवास्तव को उनके यूएन मिशन सुडान में भारत का गौरव बढ़ाने और देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान को नमन कर, युवा संसद, भारत व भारत श्री सम्मान समिति द्वारा उन्हें ‘‘भारत श्री सम्मान‘‘ से विभूषित किया।
पार्वती जांगिड़ की इस यात्रा के समापन से पहले सीमान्त मुख्यालय पटना में पार्वती को सशस्त्र सीमा बल पटना फ्रंटियर की तरफ से सम्मानित किया गया। आईजी संजय कुमार ने कहा कि सीमा प्रहरियों में आप हौंसला बढ़ाने और सीमान्त क्षेत्रों सहित पूरे देश में राष्ट्र जागरण का जो बिगुल बजाने का पुण्य कार्य कर रही हैं, इसे हम सब जवान सैल्यूट करते हैं, आपका यह कार्य हमें भी प्रेरित करते हैं, हमारे जवानों के लिए आप प्रेरणाश्रोत हैं। हमें आपको सशस्त्र सीमा बल, पटना फ्रंटियर की स्मृति सहित सिस्टर ऑफ़ एसएसबी से अलंकृत कर बहुत गर्व हो रहा। आईपीएस संजय कुमार ने कहा कि जिस प्रकार माँ गंगा की डॉल्फिन लाडली बेटी है, जिसे हमारे बल के पटना फ्रंटियर ने अपना सिंबल चुना, इसी प्रकार आप भी भारत माता की लाड़ली बेटी है, हम सब फौजी भाइयों की लाडली बहन।
सशस्त्र सीमा बल की अद्वितीय सुरक्षा प्रणाली और अद्वितीय सामाजिक सरोकारों को नमन करते हुए पार्वती ने एसएसबी के साथ अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा कर विदाई लेते हुए कहा कि आपने मुझे दिव्य स्मृतियाँ दी, यह मुझे हमेशा राष्ट्रकार्य के लिए प्रेरित करती रहेंगी।