भाजपा सरकार ने भगवान विश्वकर्मा द्वार पर पोती कालिख, विश्वकर्मा समाज में उबाल
कानपुर। लखनऊ से चलकर गंगा नदी पार कर जैसे ही लोग कानपुर शहर पहुंचते थे “भगवान विश्वकर्मा द्वार” सभी के अभिनन्दन में खड़ा मिलता था। यह द्वार बीस वर्ष पूर्व कानपुर नगर निगम द्वारा बनवाया गया था। परन्तु वर्तमान भाजपा सरकार ने इस द्वार पर कालिख पोत कर विश्वकर्मा भगवान और विश्वकर्मा समाज विरोधी होने का सबूत दे दिया है। बीस वर्ष से ज्यादा समय बीत गया इस द्वार के बने, कई मेयर और नगर आयुक्त बदले पर द्वार का अस्तित्व बना रहा। इस बीच प्रदेश में भी सरकारें बदलीं परन्तु द्वार का अस्तित्व बना रहा।
कानपुर नगर निगम की वर्तमान मेयर (द्वार के निर्माण के समय पार्षद थीं) ने भगवान विश्वकर्मा द्वार का अस्तित्व समाप्त करने के लिये द्वार के दोनों तरफ काला पेन्ट लगवा दिया है। भाजपा कोटे सेे मेयर बनी प्रमिला पाण्डेय का कहना है कि द्वार का निर्माण बिना नगर निगम की संस्तुति के हुआ था। जबकि तत्कालीन मुख्य नगर अधिकारी जे0एन0 विश्वकर्मा का कहना है कि द्वार का प्रस्ताव तत्कालीन नगर निगम बोर्ड की मीटिंग में पास हुआ था और नगर निगम के पैसे से ही भगवान विश्वकर्मा द्वार बनकर तैयार हुआ था। गौरतलब है कि जब भगवान विश्वकर्मा द्वार का निर्माण हुआ था तब भी भाजपा की मेयर सरला सिंह थीं।
भगवान विश्वकर्मा द्वार पर काला पेन्ट पोते जाने पर भारतीय नवक्रान्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा है कि भाजपा सरकार ने द्वार पर नहीं बल्कि अपने भविष्य पर काला पेन्ट लगाया है। उन्होंने सरकार और मेयर की इस कारस्तानी पर नाराजगी जताते हुये कड़ी चेतावनी दी है कि भगवान विश्वकर्मा द्वार को पूर्व की स्थिति में किया जाय। यदि भगवान विश्वकर्मा द्वार का अस्तित्व समाप्त करने की कोशिश हुई तो उनकी पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्वमन्त्री रामआसरे विश्वकर्मा ने भी भगवान विश्वकर्मा द्वार पर काला पेन्ट पोते जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा सरकार की सोची समझी चाल है। नगर निगम कानपुर ने निश्चित ही भाजपा सरकार के इशारे पर ऐसा कदम उठाया होगा। भाजपा सरकार शुरू से ही विश्वकर्मा विरोधी रही है। पहले भगवान विश्वकर्मा पूजा दिवस 17 सितम्बर का अवकाश निरस्त किया और अब विश्वकर्मा द्वार पर काला पेन्ट। पूर्वमन्त्री ने कहा कि भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कानपुर नगर निगम की इस कार्यवाही से पूरे विश्वकर्मा समाज में आक्रोश है। कई सामाजिक संगठन आन्दोलन का मन बना चुके हैं।
यह सब बहुत ही गलत हुआ है और यह एक अनुशासनहीनता है इसके लिए आप सभी लोगों को कोटि-कोटि धन्यवाद रामप्रसाद शर्मा जिला अध्यक्ष महराजगंज राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत
एक नजर सच्चाई की ओर आकर्षित करते हुए
ब्राह्मण कोई जाति नही एक वर्ण था इस धरती पर पैदा होने वाला हर प्राणी सनातनी है कर्मो के आधार पर निर्भर करता है जीव को जीव खायेगा वो मानव नही दानव ही कहलायेगा इसलिय पहले सुधार बदलाव करो उसके बाद ज्ञान ज्योति विज्ञान का प्रचार प्रसार करो ब्राह्मण ही कहलाओगे
हिंजड़ों ने भी संविधान के सहारे अपना अधिकार ले लिया है मगर विश्वकर्मा वंशज समाज मनशिकता से ग्रस्त होकर अपने आप को ब्राह्मण कहेता है अगर अपने पूर्वजो ने धन लगाकर मुह पर तमाचा मारा तथाक्तित पाखण्डी ब्राह्मण समाज पर फिर आज उनसे भी वंचित है आखिर क्यों सभी विश्वकर्मा वंशज समाज को लगभग 22/8/ 1963 में अपने टाइटल पर लिखा नाम का सरकार द्वारा आदेश मिल गया लेकिन लेकिन समाज से लुप्त हुए शर्मा लिखकर संख्या कम करके आज भी रिकॉर्ड में ओबीसी ऎसी st में पड़े है क्यों शर्मा लिखकर तथाक्तित पाखंडी ब्राह्मण समाज की जनसँख्या में बढोतरी करते हुए समाज से लुप्त हुए आज जब बनी है तो विश्वकर्मा वंशज होने का दावा करते है अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिये समाज से लुप्त होने अब कुछ समाज को तोड़ने वाले सभी अधिकारों से वंचित करने के लिए आराध्य देव भगवान विश्वकर्मा का नाम लगाकर देव को मनुष्य रूपी दर्शाना चाहते जो निदनीय है क्यों शर्म करते हो अपनी वर्तमान पहचान जाति को लिखने से कुछ भाई आजकल एजंडा चला रहे उन ताकतों के इशारों पर जिन्होंने विश्वकर्मा वंशज समाज टुकड़े करते हुए देश मे सेकड़ो जातियों में तबदील किया है अपने सर्वाथ को पूरा करने के लिये समाज को गुमराह करते है कुछ संगठन व महासभा के राष्टीय अध्यक्ष ठीक है बाकी सभी चन्दा इक्ट्ठा करके अपने आप को समाज सेवी बता रहे जबकि सच्चाई है उन राष्टीय अध्यक्षो के पास जो मौजूद समय मे है समाज की ही देन है इसलिय जागरूक एकजुट एक मत होकर अपने अधिकार अस्तित्व की लड़ाई में भागीदार बने एक मंच पर आकर विश्वकर्मा वंशज समाज अपनी शक्ति का पर्दशन करे आप भारत देश मे 35%से 45% के बीच मे जनसँख्या के आधार पर निवास करते हुए देश मे विज्ञान के जनक हो फिर भी आज मनशिकता ग्रस्त होकर अपनो को हर क्षेत्र में नुकसान पहुचा रहे क्यों जिन समाज वालो को खाट कुर्सी पर बैठना हमने सिखाया है वो आज आपसे ज्यादा धन बल में मजबूत है 85% समाज डेली मजदूरी करके जीवन ज्ञापन करती है लेकिन बाते झूठ बोलने से इनकी निराली है 99% झूठ की बुनियाद पर टिका है विश्वकर्मा वंशज समाज ओर बाते करते है मर्यादा पुरुषोत्तम सीता राम की पूजनीय सीता थी राम नही था
जय श्री विश्वकर्मा जी की सा जय विज्ञान
विश्वकर्मा वंशज एकता मंच इंडिया
संचालन कर्ता
मुकेश कुमार जांगिड़ वसिष्ठ बांस अजमेर 9829405118
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कानपुर में बने विश्वकर्मा द्वार पर काला पेंट पोतने का काम ये BJP के इसारो पर किया गया है ये विश्वकर्मा समाज का अपमान किया गया है भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने का काम कर रही है दुसरे के कामों को खुद का विकास करने की बात करती है ये सरकार इससे साफ साफ दिखाई दे रहा है कि ये भाजपा सरकार विश्वकर्मा समाज के विरोधी है इसी तरह ये सरकार विश्वकर्मा पूजा अवकाश को रद्द करने का काम किया है विश्वकर्मा समाज आपको कभी नहीं माफ करेगी
कानपुर में बने विश्वकर्मा द्वार पर काला पेंट पोतने का काम ये BJP के इसारो पर किया गया है ये विश्वकर्मा समाज का अपमान किया गया है भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने का काम कर रही है दुसरे के कामों को खुद का विकास करने की बात करती है ये सरकार इससे साफ साफ दिखाई दे रहा है कि ये भाजपा सरकार विश्वकर्मा समाज के विरोधी है ये सरकार धर्मों की बात करती है क्या ये यही है इनके धर्म
This is just the beginning of atrocities of BJP, let’s see what more to come.
भगवान विश्वकर्मा जी के द्वार पर काला पोतना के मतलब है विश्वकर्मा समाज से भाजना नफरत करती है यह समाज में जो भाजपा का साथ देते हैं ऐसे ही चमचो के बदोलत घृडित कार्य हुआ ऐसे इस दुखद घटना को तुरन्त यथा वत किया जाय नहीं तो समाज रोड पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा
विश्वकर्मा किरण के संपादक महोदय जिसने भी इस न्यूज़ को छापा है क्या उसने पूर्णत: छानबीन की है तो उसकी पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं अन्यथा अगर यह खबर गलत निकली तो विश्वकर्मा किरण पत्रिका के ऊपर एफआईआर भी हो सकता है गलत न्यूज़ फैलाने के आरोप में आपने पी डब्लू डी ऑफिसर या जिले की डीएम कलेक्टर आदि से इस मामले की पूर्ण जानकारी लेने की कोशिश की है या नहीं यदि की है तो उसका कोई वीडियो या ऑडियो आपने बनाया होगा तो उसे साझा करने की कृपा करें
ए योगी सरकार बहुत ही गलत कर रही है इसका परिणाम आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा
भाजपा राम के नाम पर राजनीति कर भगवा संगठन को मजबूत कर रही है। जबकि भाजपा के सारे काम ठीक उल्टे है।,,मुंह में राम बगल में छुरी,, कहावत चरितार्थ कर रही है। समाज बंधुओं इन ढोंगियों से सावधान रहो। संगठित होकर इनके अस्तित्व को खत्म कर दो।राम के नाम पर धन ऐंठने मनोभावनाओं से खिलवाड़ कर लोगों को बेबखूव बना रही है। भगवान विश्वकर्मा जी के द्वार पर कालिख पोतने से इनकी भगवान विरोधी मानसिकता उजागर हो गई है इन्हें उखाड़ फेंकना है
इस विषय में मेरी खुद वहां के मेयर प्रमिला पांडे जी से बात हुई और माननीय बड़े भैया श्री महेंद्र विश्वकर्मा जी ने स्वयं वहां के डीएम से बात की और दोनों जन की यही बात हुई है कि वहां पर यह काम किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जा रहा है या फिर इसे परमानेंटली हटाया जा रहे हैं तो दोनों जगह से माननीय श्रीमती में मेयर जी माननीय श्री डीएम महोदय जी ने एक ही बात कही कि वहां पर उस गेट का मरम्मत का कार्य चल रहा है और उसको नए सिरे से रंगाई पुताई करके पुनः भगवान श्री विश्वकर्मा जी का नाम लिखा जाएगा और इस विषय में मैं स्वयं यह कार्य पूर्ण होने के बाद में विश्वकर्मा किरण पत्रिका के संपादक जिसने इसको अपनी पत्रिका में छापना उचित समझा और उस व्यक्ति जो भारतीय नव क्रांति पार्टी के फर्जी नेता बने हैं अरविंद विश्वकर्मा उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज होगी और कार्रवाई की जाएगी ऐसा दिन माननीय डीएम महोदय ने आश्वासन दिया है पत्रिका चला रहे हो समाज के बारे में लिखिए ना आप न्यूज़पेपर में उल्टा सीधा कुछ भी साथ दोगे बिना किसी तत्व की जानकारी लिए यह समाज पर गलत संदेश जा रहा है
भाजपा सरकार का यह रवैया बेहद निम्न स्तर का है