शिल्पकला बोर्ड का गठन होने तक जारी रहेगा संघर्ष- अशोक विश्वकर्मा

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चन्दौली। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वाधान में भारत सरकार के हस्तशिल्प एवं वस्त्र मंत्रालय के सौजन्य से मुख्यालय स्थित अरविंद वाटिका लॉन में शिल्पकार रोजगार जागरूकता चौपाल आयोजित हुई। चौपाल में वंश परंपरागत हस्तशिल्पियों की आर्थिक बेहतरी के लिए सरकार द्वारा संचालित सरकारी योजनाओं से अवगत कराया गया।

चौपाल के मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्पी कलाकारों ने अपनी अद्भुत कलाकृतियों से दुनिया को आश्चर्यचकित करते हुए सदियों से देश का गौरव बढ़ाते रहे हैं, किंतु सरकार के समुचित संरक्षण तथा ठोस नीतियों के अभाव के चलते अनेकों वंश परंपरागत हस्तशिल्प कला विलुप्त होने के कगार पर हैं। उन्होंने कहा कि करोड़ों सिद्धहस्त शिल्पकार आर्थिक विकास के मौजूदा दौर में आज भी उपेक्षित तथा पिछड़े हुए हैं एवं कोरोना महामारी के चलते विक्रय बाजार और ग्राहक ना होने के कारण इन कारीगरों के सामने बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे समय में सरकार एवं संबंधित विभाग की ओर से इनके रोजी-रोटी के लिए समुचित सहयोग एवं मार्गदर्शन की नितांत आवश्यकता है। श्री विश्वकर्मा ने वंश परंपरागत हस्तशिल्पियों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु राज्य में हस्तशिल्प कला बोर्ड की स्थापना की मांग की है। कहा कि बोर्ड के गठन होने तक महासभा संघर्ष जारी रखेगी।

विशिष्ट अतिथि भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प विभाग वाराणसी परिक्षेत्र के सहायक निदेशक अब्दुल्ला रजा ने चौपाल में सरकार की योजनाओं से संबन्धित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वंश परंपरागत हस्तशिल्पी विभाग द्वारा जारी होने वाले पहचान पत्र के माध्यम से योजनाओं का लाभ उठाकर अपने रोजगार को समृद्ध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से जुड़कर शिल्पकार अपनी बेरोजगारी और गरीबी को दूर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहचान पत्र के द्वारा हस्तशिल्पियों को आसान ऋण, बीमा, ऋण गारंटी, 60 वर्ष की आयु के पश्चात पेंशन प्रशिक्षण व अन्य सुविधाओं के अलावा घरेलू व अंतरराष्ट्रीय मेला व अन्य आयोजनों में भाग लेने के अवसर भी मिलेंगे। योजना का लाभ पुरुष और महिला दोनों उठा सकते हैं। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों का हस्तशिल्प पहचान पत्र, आवेदन फार्म पूरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष श्रीकांत विश्वकर्मा ने किया तथा अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेंट कर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ0 प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, नंद लाल विश्वकर्मा, चंद्रशेखर विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, दीनदयाल विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, कालिका विश्वकर्मा, लोचन विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, अवधेश विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, श्याम बिहारी विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, जितेंद्र विश्वकर्मा, श्याम लाल विश्वकर्मा, फौजी रामअवतार विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, गोविंद विश्वकर्मा, रामा विश्वकर्मा, रामकेश विश्वकर्मा, धीरेंद्र विश्वकर्मा मंटू, विजेंद्र विश्वकर्मा गब्बर, अनामी विश्वकर्मा, भृगुनाथ विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, राजवंश विश्वकर्मा, मुनेश्वर विश्वकर्मा, श्यामसुंदर विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, मंगल विश्वकर्मा, शुभम विश्वकर्मा, विशाल विश्वकर्मा, श्याम विश्वकर्मा, शीतल विश्वकर्मा, मंगल विश्वकर्मा, सिंटू विश्वकर्मा आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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