आपकी कलम से

आपकी कलम से

बुआ-बबुआ के नाम एक ग्रामवासी का खुला पत्र

बहना व भैया, सादर प्रणाम! मैं एक छोटे से गांव का भारतवासी हूं, भेदभाव और प्रताड़ना को नजदीक से देखा...

मेवाड़ी बन ढाल लड़ा था, चेतक बनकर काल खड़ा था

अकबर हुआ दुलारों में। हैं राणा खड़े क़तारों में। हम पढ़ते हैं बाज़ारों में। कुछ बिके हुए अख़बारों में। ये...

आइए हम सब मिलकर सामाजिक एकता की नई गाथा लिखें

विश्वकर्मा वंशीय समाज के लोग कितने भोले होते हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रत्येक राजनैतिक...

साजिशन छीन लिया अधिकार व सम्मान

पराधीनता की बेड़ियों से आजाद होने के बाद, हिन्दुस्तान का प्रत्येक नागरिक मान—सम्मान, स्वाभिमान के सपने देखने लगा। सभी को...

एक गरीब लोहार का बेटा था इटली का तानाशाह मुसोलिनी

विश्व में कई बड़े तानाशाह हुए, इनमें से कुछ ऐसे भी हुए, जिन्होंने बेहद निचले स्तर से उठकर न केवल...

सामाजिक लोगों की एकजुटता ने सही निर्णय लेने के लिये रेलवे को किया मजबूर

सामाजिक जागरूकता, सहयोग व सही दिशा में किये जाने वाले प्रयास से निश्चित ही सफलता मिलती है। विदित हो कि...