सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने की पहल हो— डॉ0 समित शर्मा
मुम्बई। श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से भायंदर (पूर्व) स्थित सुथारों की वाड़ी, न्यू गोल्डन नेस्ट रोड, इंद्रलोक में 30वें विश्वकर्मा जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पधारे राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के प्रबंध निदेशक डॉ0 समित शर्मा ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर किये बिना सामाजिक विकास संभव नहीं है। उन्होंने विश्वकर्मा समाज का आवाहन किया कि समाज से घूंघट प्रथा को जड़ से खत्म करने में सामाजिक संस्थाओं के अभियान को साथ दें। डॉ0 शर्मा ने कहा कि संस्थाओं को साफा, माला—फूल से सत्कार के बजाय मेधावी विद्यार्थियों के सत्कार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुथार समाज अपने मेहनत और कार्य के प्रति समर्पण की वजह से मुम्बई में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने का आवाहन करते हुए कहा कि बदलते समय में हर घर और परिवार में यह प्राथमिकता होनी चाहिए।
विधायक गीता जैन ने कहा कि अगर हम मेहनत करे तो उसका फल जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोई प्रोफेशन छोटा नहीं होता, बस मेहनत करें तो हर क्षेत्र में विकास के द्वार खुल सकते हैं। जैन ने कहा कि बेटियों को शिक्षित किये बिना समाज का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। उन्होंने लोगों से आवाहन किया कि वे बेटियों को जरूर पढ़ाएं।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में नरसी ग्रुप के सीएमडी नरसी कुलरिया, भंवर कुलरिया, पूनम कुलरिया, पदम इण्डस्ट्रीज से शंकर कुलरिया, जांगिड़ मोटर्स के मालिक राजेश शर्मा, प्रसिद्ध उद्योगपति अमराराम जांगिड़, राधेश्याम जांगिड, डॉ0 अशोक शर्मा, आदि बतौर मौजूद रहे। उद्योग जगत की कई और हस्तियों और भामाशाहों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस अवसर पर कमेटी की तरफ से अतिथियों, समाजसेवियों, भामाशाहों और प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया। गौसेवी पदमाराम कुलरिया की प्रेरणा व पदम इण्डस्ट्रीज के सहयोग से रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। समाज के लोगों ने रक्तदान भी किया और अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया। कार्यक्रम का संचालन कमेटी के सदस्य प्रदीप सुथार ने किया। सभी अतिथियों और आगन्तुकों के प्रति आभार व कृतज्ञता व्यक्त की।
श्री विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट मुम्बई के बैनर तले सुथारवाड़ी भायंदर में 30वें श्री विश्वकर्मा जयन्ती महोत्सव का दो दिवसीय आयोजन किया गया था। 6 फरवरी को सायं दीप प्रज्जवलन व सत्संग के साथ महाप्रसाद का वितरण हुआ। 7 फरवरी भगवान विश्वकर्मा जयन्ती के दिन अतिथियों का सत्कार हुआ तथा कैलेण्डर व स्मारिका का विमोचन हुआ। कारीगरों को एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रमाणपत्र भी दिया गया। समाज के मेधावी छात्र—छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
—गंगाराम विश्वकर्मा
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