शिक्षा का परचम थामे एक लाख स्वराज सैनिक जुटेंगे ‘परिवर्तन कुंभ’ में
-‘एकल अभियान’ शिक्षा से जनआंदोलन का करेगा शंखनाद।
-‘एक छात्र-एक पेड़’ गोद लेने के अभियान की होगी शुरूआत।
लखनऊ। देश के ग्रामीण, वनवासी और वंचित तबके के 30 लाख से ज्यादा बच्चों को बुनियादी शिक्षा से भारत निर्माण में जुटे ‘एकल अभियान’ को जनान्दोलन में बदलने का शंखनाद होने जा रहा है। लखनऊ में 16 से 18 फरवरी के बीच हो रहे ‘परिवर्तन कुंभ’ के पहले दिन उत्तर भारत के 20 हजार गांवों से 1 लाख से ज्यादा स्वराज सैनिक माता रमाबाई अंबेडकर मैदान पहुंचेंगे। 17 और 18 फरवरी को एकल अभियान के पिछले 5 साल की उपलब्धियों की समीक्षा के साथ अगले 5 साल की कार्ययोजना पर मंथन होगा। उक्त जानकारी एकल अभियान की तरफ से लखनऊ में लेवाना होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में दी गई।
बताया गया कि सामाजिक परिवर्तन की मिसाल ‘एकल अभियान’ की यात्रा शुरू हुए 30 वर्ष पूरे हो गए हैं। 1989 में 30 वर्ष पूर्व मात्र एक विद्यालय से ‘एकल अभियान’ ने शुरूआत की थी। आज एकल अभियान का दायरा इतना विस्तृत हो चुका है कि अब 27 राज्यों के 360 ज़िलों में 1 लाख से ज्यादा एकल विद्यालय हैं। पिछले 5 वर्षों में एकल विद्यालयों की संख्या में लगभग दोगुना वृद्धि हुई है। इन विद्यालयों में 30 लाख से ज्यादा छात्रों को बुनियादी शिक्षा के साथ ‘राष्ट्र धर्म सर्वोपरि’ और संस्कारों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से ही कम्प्यूटर शिक्षा भी एकल अभियान की शिक्षा पद्धति का अहम हिस्सा है।
एकल अभियान अपनी विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ देश के 4 लाख गांवों में बसे 30 करोड़ वन बंधुओं व ग्रामवासियों में विभिन्न योजनाओं जैसे– एकल विद्यालय योजना, आरोग्य योजना, ग्रामोत्थान योजना, ग्राम स्वराज योजना एवं श्रीहरि कथा प्रसार योजना द्वारा शिक्षित, स्वस्थ व समर्थ भारत निर्माण के साथ-साथ स्वाभिमान जागरण एवं प्रखर राष्ट्रवाद की भावना प्रबल करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। एक लाख एकल विद्यालयों के अलावा 66,560 सत्संग केंद्र, 19 कम्प्यूटर वैन, 14 ग्रामोत्थान संस्थान केंद्र, 32 आरोग्य संस्थान केंद्र, 44 श्रीहरि मंदिर रथ प्रभावी रूप से काम कर रहे हैं।
-‘एक छात्र-एक पेड़’ अभियान
एकल अभियान में समाज की भागीदारी अतुलनीय है। एक लाख से अधिक विद्यालयों के संचालन के खर्च की आर्थिक जिम्मेदारी समाज ही उठा रहा है। ‘परिवर्तन कुंभ’ में इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया जायेगा। राष्ट्रनिर्माण के मिशन में समाज की विभिन्न प्रकार की सहभागिता निरन्तर बढ़ाते रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार एकल को जन-आंदोलन में बदलने के लिए समाज की अलग-अलग संस्थाओं, व्यक्तियों से एक छात्र-एक पेड़ गोद लेने की अपील परिवर्तन कुंभ से की जाएगी। यह विशेष अभियान देश भर में चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक जनमानस एकल के प्रयासों से जुड़ सके। अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति/ संस्था ‘एक छात्र-एक पेड़’ गोद लेकर, शिक्षित समाज निर्माण के साथ पर्यावरण की रक्षा भी कर सकता है।
एकल अभियान को ग्रामीण और आदिवासी बच्चों की शिक्षा में योगदान के लिए वर्ष 2017 का “गांधी शान्ति पुरस्कार” दिया जा चुका है। 26 फरवरी 2019 को माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर एकल के योगदान को सम्मानित किया था।
-आयोजन के आकर्षण
-16 फरवरी को 20 हजार गांवों से सभी दिशाओं से भव्य शोभायात्रा रमाबाई अंबेडकर मैदान पहुंचेगी।
-सामाजिक समरसता और शाश्वत भारतीय ग्राम्य संस्कृति की प्रखर झांकी।
-भारत और विदेशों में कार्यरत एकल अभियान के सेवाव्रती, वानप्रस्थी कार्यकर्ताओं एवं निस्वार्थ भाव से संलग्न नगर व ग्राम संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं का अदभुत संगम।
-संपूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों में एकल अभियान द्वारा चलाए जा रहे कुटीर उद्योगों का सजीव चित्रण करने हेतु भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कुछ प्रमुख उत्पाद भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।
-लखनऊ महानगर में लघु भारत का दृश्य परिदर्शित होगा।
-कार्यक्रम विवरण
-स्वराज सेनानी सम्मेलन
16 फरवरी 2020, 11 बजे से 3 बजे तक
रमाबाई अंबेडकर मैदान, लखनऊ।
-परिवर्तन कुम्भ
17 व 18 फरवरी 2020
डॉ0 अम्बेडकर सभागार, डॉ0 राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ।
प्रेस कांफ्रेंस को माधवेन्द्र सिंह केन्द्रीय अभियान प्रमुख, आशीष अग्रवाल अध्यक्ष आयोजन समिति परिवर्तन कुम्भ, उमाशंकर हलवासिया अध्यक्ष भारतीय लोक शिक्षा परिषद, डॉ0 लक्ष्मीनारायण गोयल ट्रस्टी एकल अभियान, मंजू श्रीवास्तव राष्ट्रीय अध्यक्ष एकल अभियान तथा भीम अग्रवाल राष्ट्रीय सचिव ने सम्बोधित किया।