डीसा शहर की पावन धरा पर भगवान श्री विश्वकर्मा महापुराण कथा महोत्सव सम्पन्न

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डीसा। श्री विश्वकर्मा मंदिर, डीसा के प्रांगण में प्रथम बार श्री विश्वकर्मा महापुराण कथा का आयोजन किया गया। यह आयोजन बीते 26 जुलाई से शुरू होकर 1 अगस्त को समापन हुआ। श्री विश्वकर्मा महापुराण कथा, कथावाचक कर्णवभाई जोशी के श्रीमुख से हुआ। कथा का समय दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया।

भव्य पोथीयात्रा-
कथा के पहले दिन 26 जुलाई को सुबह 9 बजे महापुराण कथा के मुख्य यजमान चंद्रवदन लक्ष्मीचंद सुथार के निवास से शोभायात्रा रवाना होकर शहर के मुख्य मार्ग की परिक्रमा कर भगवान श्री विश्वकर्मा मंदिर के पवित्र स्थान पर रुकी। इस यात्रा में 108 कन्याओं ने अमृत कलश और सैकड़ों बहनों ने जवारा से सजाया था। पोथीजी को एक विंटेज कार में और कथाव्यास कर्णवभाई जोशी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सजी हुई घोड़ा-बग्गी में ले जाया गया। हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ पर हेली-ड्रोन ने फूल बरसाए और गुलाब जल छिड़का।

श्री विश्वकर्मा समाज की धर्मपरायणता, एकता एवं अनुशासन की रैली डीसा के राजमार्ग पर निकली। इस अवसर पर श्री गोवाभाई रबारी (अध्यक्ष, मार्केट यार्ड), प्रकाशभाई भरतिया (पूर्व अध्यक्ष, डीसा नगर नगर निगम), शशिकांत पंड्या (पूर्व विधायक), मगनलाल माली (पूर्व अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड) उपस्थित थे। इसके अलावा कई गणमान्य व्यक्ति पैदल शोभायात्रा में अंत तक साथ रहे।

डीसा नगर के अनेक समुदायों ने जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया। आखोल गांव के ठाकोर समुदाय सजे-धजे घोड़ों के साथ जुलूस में शामिल हुए । जय झूलेलाल सेवा मंडली (सिंधी समाज, डीसा) द्वारा जलपान-शरबत सेवसेवा की गई।

अन्नदाताओं को धन्यवाद-
पांच हजार से अधिक भक्तों को प्रतिदिन दोपहर और शाम को, एक हजार से अधिक भक्तों को रात्रि का भोजन परोसा जाता था। कुल मिलाकर 50 हजार से अधिक धार्मिक भक्तों को सप्ताह के सातों दिन भोजन-प्रसाद, चाय और पानी का वितरण किया गया। प्रसाद दाताओं के साथ-साथ विश्वकर्मा महासंघ, डीसा के सभी सदस्यो ने खड़े-पैर रसोई विभाग में सेवा प्रदान किया।

हमारे सम्मानित अतिथि-
इस अवसर पर डीसा नगर के श्रेष्ठजन प्रवीणभाई माली विधायक, गोवाभाई रबारी अध्यक्ष, मार्केट यार्ड, शशिकांत पंड्या पूर्व विधायक, केशाजी ठाकोर विधायक, कीर्ति सिंह वाघेला जिला भाजपा अध्यक्ष, मावजी भाई देसाई विधायक, प्रकाश भाई भरतिया पूर्व अध्यक्ष, डीसानगर पालिका, मगनलाल माली पूर्व अध्यक्ष हाउसिंग बोर्ड, भद्रेश भाई डीसा नगर निगम पार्षद और सभी पदाधिकारी एवं भाजपा के नगरसेवक एवं सामाजिक एवं अग्रणी गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कथा के दौरान पोथी यात्रा, कलश यात्रा, श्री गणेश वंदना, श्री विश्वकर्मा महापुराण पोथीजी पूजन, श्री शिव तांडव, श्री विश्वकर्मा प्रगटय महोत्सव, श्री चामुंडा माताजी महात्मय, श्री रांदल माताजी प्रागटय महोत्सव, श्री सूर्यनारायण रांदल विवाह, वास्तुदेव और इला प्रागट्य, औजार-हथियार पूजन आदि कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाये गये। श्री सूर्यनारायण रांदल विवाह के लाभार्थी मामापक्ष: रामसन परिवार ने मामेरू, जान और वरपक्ष: रामपुरा परिवार और कन्यादान: दामा-देवसारी परिवार ने अपना योगदान दिया। श्री विश्वकर्मा दादा की भूमिका मे श्री जयंतीभाई गज्जर, श्री शिवजी की भूमिका मे श्री सीतारामभाई गज्जर, श्री भैरव की भूमिका मे शंकरलाल, रामपुरा-करजा और अन्य पात्रों मे समाज की बेटियों ने समा बांधा। दिनेश भाई गज्जर सुरेंद्र नगर और उनके सह-कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्री विश्वकर्मा पुराण-कथा पर आधारित समकालीन सामाजिक नाटक “सर्जनहार का स्वरूप” की प्रस्तुति अविस्मरणीय रही ।

बेमिसाल समाज सेवा-
सर्वश्री चंद्रवदन भाई मिस्त्री डीसा, वधाजी दांतीवाड़ा, अजमलजी महादेविया, चमनलाल महादेविया, मफाजी रगनाथजी शेरपुरा, चमनलाल कुपट, मनुभाई चंडीसर, विजयभाई डीसा, देवजी कटरवा, नेमाजी शेरपुरा, माफाजी गिरधरजी शेरपुरा, बाबूभाई खेरोला, परसोतमभाई कंसारी, विष्णुभाई कापरा, भूराजी शेरपुरा, सुखाजी चित्रोडा, भरतभाई यावरपुरा, खेमाभाई भाभर, मोतीजी पालड़ी, भोपाजी मोढेरा, प्रवीणभाई दामा, विनोदभाई रामपुरा, दिनेशभाइ रामपुरा, नारणभाई कुपट, मगनलाल भीमग़ढ, भरतभाई वडिया, केशाजी भीलडी, कर्णजी शेरपुरा, पोचालाल कपारा, खेताभाई लवाना, अमरजी कापरा, हाथीजी धानेरा और अन्य की सेवा बेमिसाल रही। आखोल गांव के ठाकोर समाज और अन्य समाजों की सेवा उल्लेखनीय थी। किशोरभाई, गौतम भाई और दयारामभाई विगेरे की युवा टीम और एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष गणपतलाल और ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की।

श्री विश्वकर्मा धर्म प्रचार प्रसार समिति, भरत सुथार, प्रवीणभाई गज्जर, रमेशभाई वडगामा, कनुप्रसाद मिस्त्री, सीतारामभाई गज्जर, कमलेशभाई गज्जर, जयंतीभाई गज्जर, चिमनभाई सुथार, भरतभाई गज्जर, अश्विनभाई मेवाड़ा ने भी अद्भुत कार्य और प्रदर्शन किया। इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा धर्म प्रचार प्रसार समिति ने 5100/- रुपये या उससे अधिक का दान देने वाले प्रत्येक दानदाता को डाकोर के श्री विश्वकर्मादादा की तस्वीर देकर सम्मानित किया गया।

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