डॉ0 दिनेश कुमार (डीजे) को मिली आईआईटी रुड़की से पीएचडी की उपाधि
हिसार। हरियाणा के गाँव बाडों पट्टी निवासी डॉ0 दिनेश कुमार (डीजे) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की से पीएचडी की उपाधि प्राप्त हुई है। डॉ0 दिनेश ने अपना शोध ‘अधीनस्थ न्यायालयों के प्रदर्शन (परफॉरमेंस) पर न्यायालय संस्कृति की भूमिका’ विषय पर डॉ0 राम मनोहर सिंह के मार्गदर्शन में पूर्ण किया। उनके शोध से न्यायालयों को न्यायालय संस्कृति, प्रदर्शन और आधारभूत संरचना को हितधारकों की प्रतिपुष्टि द्वारा मापने में सहायता मिलेगी। उन्होंने थीसिस में न्यायालयों के प्रदर्शन और संस्कृति को मनोविज्ञान, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा सुधारने के नीति निर्देश लिखे हैं। पीएचडी के दौरान उन्होंने अपने शोधपत्र वियतनाम और पुर्तगाल में आयोजित शोध सम्मेलनों में प्रस्तुत किये। डॉ0 दिनेश अब तक तीन पुस्तकें और पांच शोध पत्र लिख चुकें हैं।
योगाचार्य ईश्वर आर्य ने बताया कि पीएचडी के दौरान डॉ0 दिनेश ने शिक्षा और शोध के अलावा भी अनेक सम्मान प्राप्त किये, जैसे कि थोम्सो मॉडलिंग स्पर्धा में फर्स्ट रनर-अप का प्रतिष्ठित खिताब, पदम् भूषण गोपाल दास नीरज द्वारा आईआईटी स्तर की काव्य प्रतियोगिता में विजेता होने पर सम्मान, आयोजन सचिव के तौर पर सेवाएं देने पर विभाग द्वारा सम्मान आदि।
डॉ0 बलकार पुनियाँ ने बताया कि उन्होंने बारहवीं कक्षा के पश्चात भारतीय वायु सेना में वायुयोद्धा के रूप में सेवा के दौरान समाजकार्य में स्नातक, स्नातकोत्तर, नेट-जेआरएफ व योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा की उपाधि प्राप्त की। तत्पश्चात वो भारत के पहले सैनिक बनें जिनका चयन भारत के प्रतिष्ठित आईआईटी और आईआईएम की डाक्टरल डिग्री के लिए हुआ। उनकी इस उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स द्वारा भी मान्यता दी गई है।