मुख्यमन्त्री ने किया विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की समीक्षा, परम्परागत कारीगरों को लाभ पहुंचाने का निर्देश
लखनऊ। मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से परम्परागत व्यवसायों से जुड़े कारीगरों और शिल्पियों को अधिक से अधिक लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, टूल किट, ऋण एवं अनुदान प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। प्रशिक्षण के दौरान भत्ता भी दिए जाने की व्यवस्था की जाए और प्रशिक्षण के उपरान्त लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जाए।
मुख्यमन्त्री ने लालबहादुर शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से सम्बन्धित एक प्रस्तुतिकरण के दौरान इस योजना को संशोधित रूपमें प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संशोधित योजना में पारम्परिक पेशों से सम्बद्ध लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में कारीगर, हस्तशिल्पी पारम्परिक कार्यों के माध्यम से जीविकोपार्जन करते हैं। ये हस्तशिल्पी और कारीगर अत्यन्त प्रतिभाशाली हैं, इनके हुनर को तराशने के लिए इनका प्रशिक्षण तथा व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए इन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभार्थियों का चयन कर उन्हें चरणबद्ध ढंग से लाभान्वित किया जाये, राज्य सरकार इस कार्य के लिए धन की कमी नहीं होने देगी। इस अवसर पर सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मन्त्री सत्यदेव पचौरी, मुख्य सचिव डॉ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमन्त्री एसपी गोयल, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन सचिव भुवनेश कुमार और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।