“यादों के आइने में बलदाऊ जी विश्वकर्मा” कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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देवरिया। शहर के दिवंगत सुप्रसिद्ध रंगकर्मी एवं साहित्यकार स्वर्गीय बलदाऊ जी विश्वकर्मा की 9वीं पुण्यतिथि का आयोजन संस्कृत पाठशाला परिसर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती विजयलक्ष्मी गौतम (ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार) उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि गिरधर करुण तथा मंच का संचालन संजय मिश्रा ने किया। कार्यक्रम के आयोजक एवं संरक्षक डॉक्टर त्रिपुणायक विश्वकर्मा (सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग) रहे। कार्यक्रम में शहर के सभी प्रबुद्ध वर्ग के लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे तथा स्वर्गीय बलदाऊ जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि प्रदान करने के उपरांत अपनी यादों को सभी उपस्थित अतिथियों से साझा किया।

कार्यक्रम में गिरधर जी, राजेश्वर द्विवेदी, नरसिंह तिवारी, अरुण शर्मा, गोपाल जी, चंदेश्वर परवाना। आदि कवियों ने अपने काव्य पाठ से सबको मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में पधारे सेंट जेवियर्स स्कूल सलेमपुर के प्रधानाचार्य वी0के0 शुक्ला ने कहा कि काफी वर्षों तक हम पास रहते थे, रोज उनसे शाम को साहित्यिक चर्चाएं हुआ करते थे। इसी क्रम में गिरधर करूंन ने बताया कि मैं अपनी नई कविताएं सबसे पहले उनको सुनाया करता था और वह भी मुझे अपनी नई कविताएं सुनाया करते थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक पांडे ने कहा कि बलदाऊ जी ने साहित्य और रंगमंच के माध्यम से जो सलेमपुर को दिया उसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। नरसिंह तिवारी पूर्व प्रधानाचार्य चकरवा इंटर कॉलेज ने बताया कि बलदाऊ जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, इतनी प्रतिभाएं एक व्यक्ति में देखने को आज तक नहीं मिली। वाई शंकर मूर्ति अध्यक्ष (सांस्कृतिक संगम सलेमपुर) ने बताया कि जब मैं सलेमपुर में आया तो मेरी सबसे पहले मित्रता उन्हीं से हुई, उनकी परिकल्पना और रचना “मेघदूत की पूर्वांचल यात्रा” अभी भी चल रही है।

कार्यक्रम के आयोजक डॉ0 त्रिपुनायक विश्वकर्मा ने उनका संक्षिप्त जीवन परिचय दिया और बताया कि वह मेरे सगे मामा जी थे। मेरे जीवन में उनके व्यक्तित्व का बहुत प्रभाव है, कई वर्षों का प्रयास आज सफल हुआ है। कार्यक्रम के अंत में उनके पुत्र अविनाश विश्वकर्मा ने कहा मेरा सौभाग्य है कि मैं ऐसे युग पुरुष का पुत्र हूं। पिताजी के यादो को सबके दिलों में जीवित रखता हूं तो जीवन सफल मानूंगा। कार्यक्रम के संयोजन में सुनील पांडे, लाल साहब यादव, राकेश गुप्ता, रामेश्वर मिश्रा आदि व्यक्तियों की भूमिका रही। कार्यक्रम में अश्वनी पांडे, मानवेंद्र त्रिपाठी, शंभू दयाल गुप्ता, शमशाद मलिक, जवाहर विश्वकर्मा, गायत्री मिश्रा, पदम गुप्ता आदि प्रबुद्ध उपस्थित रहे।

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