अध्यक्ष पद के लिए मची होड़, सामाजिक विकास या राजनीति की परिस्पर्धा?
जयपुर (प्रकाश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार)। अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा, प्रदेश सभा राजस्थान जयपुर के प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव होने जा रहे हैं, यह एक सतत प्रक्रिया है। इस बार के चुनाव में 5 उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए मैदान में है। यह भी विदित है कि इनमें से एक व्यक्ति के सिर पर प्रदेश अध्यक्ष का ताज होगा। लेकिन यहां प्रश्न उठता है कि वह व्यक्ति कौन होगा? यह सब समाज के द्वारा मतदान के बाद ही तय होगा। लेकिन वर्तमान की स्थिति व प्रतिस्पर्धा को देखते हुए चुनाव में रुचि जरूर बढ़ी है। इसके पीछे बड़ा कारण सामाजिक विकास कम और राजनीतिक हलकों में अपने नाम व चेहरे की चमक ज्यादा ही दिखाई देने लगी है। यह सभी बाते इस बार जयपुर में हुए महाकुंभ ने साबित कर दी है।
एक समय वो भी था जब प्रदेश अध्यक्ष के चुनावों में लोगों को पता भी नहीं चलता कब चुनाव सम्पन्न हो जाते। उस समय के प्रदेश अध्यक्ष आगे से चलकर लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव व ढाणी- ढाणी जाते भी हमने देखे हैं, जबकि उस समय ऐसे संसाधन भी नहीं थे। फिर भी उनकी रुचि व समाज के प्रति भावना दृढ़ थी। और इस समय के प्रदेश अध्यक्ष गुटबंदी में बटे होने के कारण या तो प्रदेश कार्यालय या फिर बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों के आसपास मंडराते हुए देखे जा सकते हैं। उनका उद्देश्य समाज के विकास व समाज की सत्ता में भागीदारी के लिए नहीं, अपितु अपने चेहरे को दिखाने के लिए ज्यादा फोकस होता है। यह सब कुछ इस बार के महाकुंभ ने साबित भी कर दिया है। खैर यह सब समय के चक्रव्यूह में समा भी गया। अब इस बात पर समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को सोचना होगा कि उन्हें चुनाव से अध्यक्ष तय करना है या फिर निर्विरोध निर्वाचित?
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