विश्वकर्मा प्रतिभा सम्मान भविष्य निखारने में महत्वपूर्ण कदम- राज्यपाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की पावन धरती पर (भारतीय भाषा परिषद-कोलकाता) विश्वकर्मा जनकल्याण समिति के सभापति डॉ0 देवश्लोक शर्मा के नेतृत्व में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल जगदीप धनखढ़ रहे। राज्यपाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्रतिभा सम्मान समारोह का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने इस शानदार आयोजन के लिये आयोजक मण्डल और विश्वकर्मा समाज के लोगों को बधाई दी। ज्ञात हो कि विश्वकर्मा जन कल्याण समिति द्वारा पिछले दो वर्षों से माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं ऐसे छात्र/छात्राएँ जो शिक्षा के क्षेत्र मे अव्वल स्थान प्राप्त किये हैं उन्हे मंच पर सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है। इस बार सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं को राज्यपाल ने सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। प्रतिभाओं का सम्मान करते हुये वह स्वयं काफी प्रफुल्लित नजर आये।
समारोह को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने तकनीकी एवं कौशल क्षेत्र में विश्वकर्मा समाज के योगदान को याद करते हुये सम्मान प्रकट किया। कहा कि आज जिन प्रतिभाओं को हम सम्मानित कर रहे हैं, वह देश के भविष्य हैं। ऐसे आयोजनों से प्रतिभाओं के मन मष्तिष्क में आगे बढ़ने की ललक जागृत होती है। इस अवसर पर अपर्णा शर्मा ने पेन्सिल से निर्मित राज्यपाल की एक पोट्रेट उन्हें भेंट दी, जिससे राज्यपाल श्री धनखढ़ काफी अभिभूत हुए। उन्होंने अपने सम्बोधन में आश्वस्त किया कि जब भी इस तरह के कार्यक्रम होंगे, हमारी उपस्थिति जरूर होगी।
प्रतिभा सम्मान समारोह में पश्चिम बंगाल की विश्वकर्मा समाज की पांच संस्थाओं ने भागीदारी निभाई। यह पांच समिति भारतीय विश्वकर्मा समाज, हस्तकला विश्वकर्मा संघ, संयुक्त पश्चिम बंगाल विश्वकर्मा समाज, राष्ट्रीय मानव सेवा ट्रस्ट, अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा, टैंगरा विश्वकर्मा समाज ने भागीदारी निभाईं। जो लोग अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा एवं रोजगार की दिशा में काम कर रहे हैं उन्हें भी सम्मान प्रदान करते हुए हर्ष व्यक्त किया।
इस ऐतिहासिक सम्मान समारोह ने रंगा-रंग कार्यक्रम के साथ-साथ सिवान से आये सुजीत शर्मा ने भी अपने सम्बोधन से अलग समां बांध दिया। विश्वकर्मा समाज के इस समारोह को इतिहास के पन्नों पर अक्षरों मे लिखा जायेगा।