पढ़ने वाले बच्चों के लिये जम्मू में शुरू हुई ‘विश्वकर्मा लाइब्रेरी’

0
Spread the love

जम्मू। विश्वकर्मा समाज एक बहुत ही बड़ा समाज है और अलग-अलग राज्यों में बसे विश्वकर्मा वंश के विकास और प्रगति के लिए अनेक प्रकार की संस्थाएं मौजूद हैं। ऐसी ही एक और संस्था है जो भारत देश के सबसे ऊपर विराजमान राज्य जम्मू कश्मीर में स्थित है। यहां की एक संस्था ने पढ़ने वाले बच्चों के लिये एक बड़ा कदम उठाया है।

समाज में अनेक प्रकार से सामाजिक कार्यो को प्रगतिशील बनाने की कोशिश की जा रही है। जम्मू स्थित ‘श्री विश्वकर्मा पुस्तकालय’ जो पत्रिका और अनेक रूप से समाज के विकास के लिए कार्यरत है। जम्मू शहर में नया प्लॉट से कार्य कर रहे हैं। श्री विश्वकर्मा लाइब्रेरी के द्वारा एक अनोखा प्रयास किया गया है जो सामाजिक विकास के लिए उम्दा है। आज के दौर में समाज के गरीब वर्ग की स्थिति और उनके बच्चों के भविष्य के लिए विश्वकर्मा लाइब्रेरी ने “कॉपी प्रोजेक्ट” नामक एक नई परियोजना इसी 24 अक्टूबर 2021 से शुरू किया गया है।

इस अभियान के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिगेडियर डॉ0 विद्यासागर धीमान, कनिका धीमान और विश्वकर्मा लाइब्रेरी टीम से कन्विनर रमेश अंगोत्रा, चेयरमैन रामलाल, वाइस चेयरमैन बलवंत कटारीया, रमन चलोत्रा, जोगिंदर अंगोत्रा, ओम प्रकाश, मास्टर कुलदीप मल्होत्रा और समाज के लोग उपस्थित रहे। एक श्रमिक परिवार के बच्चे को खड़े होकर अध्ययन करने के लिए कहने वाले डॉ0 अम्बेडकर के चित्र वाली 1000 नोट बुक तैयार की गई है, जिसे प्राप्त कर वह बच्चा शिक्षा द्वारा सम्मान का व्यक्ति बन सकता है। कवर पेज के अंदर पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों के नाम लिखे हैं। विश्वकर्मा समुदाय के प्रत्येक गरीब छात्र लाभार्थी बीपीएल को 10 रुपये जैसी दर से नोटबुक वितरित की जाएगी।

इस अभियान का उद्देश्य-
1- उन छात्रों की मदद करें जो स्टेशनरी का खर्च नहीं उठा सकते।
2- आगे की योजनाओं के लिए छात्रों का डेटा बेस तैयार करें।
3- सिविल/सशस्त्र/चिकित्सा सेवाओं के लिए मार्गदर्शन और सहायता करने वाले प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की पहचान के लिए डेटाबेस का उपयोग करें।
4-सभी छात्रों को एक व्हाट्सएप ग्रुप पर जोड़ा जाएगा। ऐसे ग्रुप में अच्छे शिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि बटन दबाते ही शिक्षक-छात्र का संवाद बना रहे।
5-व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करने और जागरूक करने के लिए प्रासंगिक मामले पोस्ट किए जाएंगे।
कुछ छात्रों और अन्य ओबीसी जातियों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वे इस परियोजना को देखें और लोगों को प्रेरित करें।

रिपोर्ट- मयूर मिस्त्री (गुजरात)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

%d bloggers like this: