भाजपा सरकार में विश्वकर्मा समाज की लगातार उपेक्षा हो रही- रामआसरे विश्वकर्मा

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बस्ती। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा द्वारा बस्ती के बड़ेवन के होटल प्रांगण में विश्वकर्मा चेतना सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूरे बस्ती मण्डल से विश्वकर्मा समाज के लोगों का रहा जमावड़ा हुआ। मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पूर्व शिक्षामंत्री एवं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि आज जब विश्वकर्मा समाज के लोग पढ लिखकर डाक्टर, इंजीनियर, आई.ए.एस., पीसीएस बनना चाहते हैं तो भाजपा सरकार उन्हें टूलकिट देकर मजदूरी कराना चाहती है। भाजपा से विश्वकर्मा समाज को सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा जब-जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो विश्वकर्मा समाज का सम्मान बढा। विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। विश्वकर्मा समाज के लोगों को वर्कशॉप के लिए जमीनों का पट्टा दिया गया। सरकार में नौजवानों को नौकरी रोजगार से जोड़ा गया। पिछड़े वर्गों का आरक्षण लागू करके पिछड़े वर्ग के नौजवानों को नौकरी दी गयी।जबकि आज भाजपा सरकार आरक्षण को समाप्त करने की साज़िश कर रही है।

पूर्वमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा की छुट्टी समाप्त करके भगवान विश्वकर्मा का अपमान किया है। सम्मेलन में बड़ी संख्या में आये शर्मा, विश्वकर्मा समाज के लोगो का आभार जताते हुए पूर्वमन्त्री ने कहा भाजपा सरकार में लगातार महंगाई बढ़ी है, गरीबी बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है, नौजवान को नौकरी नहीं मिल रही। किसान की आय दुगुनी नहीं हुई, किसान बर्बाद हो गया, देश की पूंजी चन्द पूंजीपतियों के हाथ में सिमट गयी है। सरकार कहती हैं कि हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर किया है तो 81 करोड़ कौन लोग हैं जिन्हें राशन दिया जा रहा है। पूंछा कि क्या वे अमीर लोग हैं?

सपा सरकार में मुफ्त पढ़ाई, मुफ्त दवाई, मुफ्त सिंचाई, मुफ्त एंबुलेंस, मुफ्त लैपटॉप दिया गया था। आज गरीब ईलाज के अभाव में दम तोड रहा है भाजपा सरकार में अस्पताल में मुफ्त दवा नहीं मिल रही। देश का गरीब, किसान, मजदूर, नौजवान, पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक देश की पचासी प्रतिशत आबादी की तरक्की ही पीडीए की तरक्की है, जिसकी बात अखिलेश यादव करते हैं। इसी पीडीए में गरीब, दुखी, पीड़ित, अगडे भी शामिल हैं जिसकी लड़ाई समाजवादी पार्टी लड रही है। जब तक पीडीए की तरक्की नहीं होगी तब तक देश की तरक्की नहीं हो सकती। आज के डिजिटल युग में विश्वकर्मा समाज के नौजवान, डाक्टर, इंजीनियर, आईएएस जज बनना चाहते हैं। उन्होंने पूंछा कि आज सरकार में आपके अधिकारी नहीं है, समाज का एमएलए, एमपी नहीं है जो आपकी बात विधानसभा लोकसभा में रख सके। सरकार में समाज का मन्त्री नहीं है,-समाज का मन्त्री ही विकास की योजनाएं बनाता है जिस प्रकार मैंने समाजवादी पार्टी सरकार में मन्त्री बनकर विकास की योजनाएं लागू की। हमारे 30 वर्ष के संघर्ष का ही नतीजा है कि आज पार्टियां विश्वकर्मा समाज की बात करने लगी हैं।

श्री विश्वकर्मा ने सवाल किया हमारे समाज के लड़के कब आइएएस अफसर बनेंगे? बेहतर होता सरकार पीएम विश्वकर्मा योजना में विश्वकर्मा समाज के नौजवानों के हाथ में कम्प्यूटर देती तो नौजवान सीधे रोजगार से जुड जाते। कहा कि सपा सरकार में अखिलेश यादव ने इण्टर पास युवक युवतियों को 16 लाख मुफ्त लैपटॉप बिना किसी भेदभाव के वितरित किया था। अगर सपा सरकार नौजवानों को लैपटॉप दे सकती है तो भाजपा सरकार नौजवानों को लैपटॉप क्यों नहीं दे सकती है? श्री विश्वकर्मा ने कहा अगर बिहार सरकार पिछड़े वर्गों की जातीय जनगणना करा सकती है तो भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना क्यों नहीं करा रही है? कहा समाजवादी नीतियां ही पिछड़ों और दलितों को उनका अधिकार दिला सकती है और उन्हें सत्ता तक ले जा सकती है। सभी को समाजवादी पार्टी को मजबूत करना होगा तब आपको अधिकार मिलेगा।

सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी ने कहा कि आगामी लोकसभा के चुनाव में विश्वकर्मा समाज के लोग सपा का साथ दें, पार्टी सदैव उनके सुख दुःख में खड़ी रहेगी। अवसर मिला तो विश्वकर्मा समाज को पूरी राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा। पूर्व मंत्री ने विश्वकर्मा समाज के लोगोें को सावधान किया कि वे किसी के बहकावे में न आयें। चुनाव में एकजुट होकर भाजपा को हराये और सपा प्रत्याशी को जिताएं। सम्मेलन को पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय, मो0 स्वालेह, आर0डी0 गोस्वामी, मंशाराम विश्वकर्मा, रामशंकर निराला, श्यामजी विश्वकर्मा, हरे श्याम विश्वकर्मा एडवोकेट, रविन्द्र विश्वकर्मा, सजनलाल विश्वकर्मा, विजय शर्मा, कैलाश शर्मा, पारसनाथ विश्वकर्मा, उदयराज विश्वकर्मा, परमात्मा शर्मा, ब्रम्हानन्द शर्मा ने सम्बोधित किया।

अभाविशिम पदाधिकारी अशोक विश्वकर्मा, बीरू विश्वकर्मा, विन्देश्वरी विश्वकर्मा, श्यामजी विश्वकर्मा, भीम शर्मा, रामफेर शर्मा, अमर शर्मा, श्रीप्रकाश शर्मा, रूपेश विश्वकर्मा, राम आसरे विश्वकर्मा, लालचंद विश्वकर्मा, राजेश शर्मा, पवन शर्मा, राकेश शर्मा, अम्बिका विश्वकर्मा, गीता विश्वकर्मा, शीला विश्वकर्मा, आरती के साथ ही विश्वकर्मा समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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