“वसुधैव कुटुंबकम्” और भारत की सामरिक कुशलता का प्रतीक है डायरी “ऑपरेशन गंगा” 

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वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े ने यह डायरी उन तमाम लोगों को समर्पित की है जो भारत से प्रेम करते हैं एवं जो भारत में ना रहते हुए भी भारतीयता को नहीं भूले हैं। “वसुधैव कुटुंबकम” को मूल मंत्र मानते हुए जिन्होंने मिशन गंगा में अणु मात्र भी योगदान दिया है उन्हें भी इस डायरी का हर अक्षर समर्पित किया है। देश के उच्चतम नेतृत्व से संचालित होने वाली ऊर्जा जिसमें “ऑपरेशन गंगा” संपन्न हुआ एवम महान भारत के लोकप्रिय नेतृत्व की सामरिक कुशलता को यह डायरी समर्पित की है।

जब यूक्रेन पर युद्ध के बादल मंडराने लगे तब वहां रह रहे हजारों भारतीय विद्यार्थी और उनके माता-पिता व्याकुल हो उठे। इस ऊहापोह की विषम स्थिति में भारत सरकार को भी चिंतित कर दिया, कुछ विद्यार्थी समय रहते यूक्रेन से निकल गए परंतु बहुत से इस आस में वहां रहते रहे कि युद्ध नहीं होगा या हुआ भी तो उनकी पढ़ाई पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन उनकी आशा, निराशा में बदल गई जब सभी विद्यार्थियों को वहां से निकलने की सलाह दी गई, सभी ने निकलना प्रारंभ कर दिया। किसी ने भी नहीं सोचा था पढ़ाई के बीच में कभी कोई ऐसा भी हो सकता है उनके सपनों में कोई व्यवधान हो सकता है या उनके सपनों में कोई खलिस आ सकती है।

युद्ध ने जहां एक ओर यूक्रेन के नागरिकों का पलायन प्रारंभ करवाया वहीं दूसरी ओर बहुत से देश अपने नागरिकों को लेकर फिक्रमंद हो उठे जो युद्ध प्रारंभ होने के बाद भी यूक्रेन में रह रहे थे। लेकिन समय रहते भारत सरकार की चिंताओं ने एक अभियान का रूप लिया जिसे हम “ऑपरेशन गंगा” के नाम से जानते हैं। इस ऑपरेशन में भारत सरकार ने यूरोप के तमाम देशों और उन में बसे भारतीय प्रवासियों, भारतीय दूतावासों, भारतीय मंत्रियों, उद्योग जगत, सामाजिक संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं का आव्हान कर भारतीय विद्यार्थी को सफलतापूर्वक संकटग्रस्त क्षेत्र से निकाला। ये डायरी उन सभी के सार्थक प्रयासों की कहानी है जिसमें विद्यार्थियों की तकलीफे हैं एवं उनकी कष्टदाई यात्रा है तथा भारत सरकार और असंख्य भारतीयों की विद्यार्थियों की निकासी में भूमिका है जो भारत की सशक्त भारतीयता को प्रदर्शित करती है।

“ऑपरेशन गंगा” (डायरी ऑफ अ पब्लिक सर्वेन्ट) के लेखक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े जो मध्यप्रदेश के राजगढ़, बैतूल, सीहोर और भोपाल में कलेक्टर एवम जिला मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। तरुण पिथोड़े ने मोटिवेशन, साइक्लोजी, सामाजिक एवं मैनेजमेंट जैसे विषयों पर किताबें लिखी हैं। कोविड के समय भोपाल के कलेक्टर के रूप में उनका बेहतरीन मैनेजमेंट रहा है। उन्होंने कोविड पर अपनी बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक “The Battle Against COVID” भी लिखी है। यह पुस्तक “ऑपरेशन गंगा” हमारी बहुमूल्य संस्कृति को परिलक्षित करती है। आपसी प्रेम और स्नेह से सरावोर व्यवहार की प्रतीक यह पुस्तक हर विद्यार्थी और माता-पिता को जरूर पड़ना चाहिए और दूसरों को भी पड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

लेखक- दिनेश गौड़, वरिष्ठ पत्रकार

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