तेरह वर्षीय गौतम सुथार की कला देख दंग रह जायेंगे आप, जानिये उसकी कला के बारे में

जालोर। वैसे तो प्रतिभाएं किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है। परन्तु उचित मंच व प्रोत्साहन के अभाव मे प्रतिभाएं सीमित दायरे तक सिमट कर रह जाती है। ऐसी ही एक प्रतिभा का नाम है गौतम सुथार, जो सायला तहसील के दूरस्थ गांव दूदवा में निवासरत है। महज तेरह वर्ष की उम्र में ही बिना किसी प्रशिक्षण के गौतम की बनाई कलाकृतियां पूरे गांव के लिए आकर्षण व चर्चा का केन्द्र है। मात्र तेरह वर्षीय गौतम सुथार लकड़ी से ट्रैक्टर-ट्रॉली, जीप, डम्पर, जेसीबी आदि की एकदम हूबहू सुंदर कलाकृतियां आसानी से बना लेता है जिसे देखकर लोग भी अचंभित रह जाते है।
इंजीनियर बनना चाहता है गौतम—
बाल प्रतिभा गौतम का कहना है कि फिलहाल तो उसका पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगा है। तथा भविष्य में अपने सपनों को साकार करने के लिए इंजीनियर बनने की चाह रखता है। वह बताता है कि स्कूल की छुटिट्यों के समय नई-नई कलाकृतियां बनाता है। उसने घर में पढ़ाई के लिए अपने हाथों से ही मोटरसाइकिल के सॉकर की सहायता से रिवॉल्विंग कुर्सी भी बनाई है।
आठ वर्ष की उम्र मे बनाई पहली कलाकृति—
गौतम ने पांच वर्ष पूर्व यानी 8 वर्ष की उम्र में पहली कलाकृति बनाई थी। गौतम के पिता भवाराम सुथार बताते हैं कि गौतम को बचपन से ही इस तरह की कारीगरी का शौक लग गया था, जब हम लोग लकड़ी का काम करते थे तो व्यर्थ बचने वाली लकडिय़ों से गौतम बैठकर अलग—अलग खिलौने बनाता रहता था। मात्र आठ वर्ष की उम्र में इसने हमारे ट्रैक्टर को देखकर लकड़ी से हूबहू मॉडल तैयार कर दिया। तथा फिर उसने हाइड्रोलिक तकनीक वाली जेसीबी व ट्रॉली का मॉडल भी बना दिया, तब से लोग इसे प्रोत्साहित करने लगे।
पढ़ाई मे भी अव्वल—
तीन भाई बहिन मे मंझला गौतम सुथार, लकड़ी की कलाकृतियां बनाने के साथ पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहता आया है। उसने कक्षा पांच से लेकर अब तक कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। गौतम घर व स्कूल में शांत व गम्भीर स्वभाव का है। गौतम के दादा मंगलाराम सुथार का कहना है कि बचपन से ही इसे इस तरह की कलाकृतियां बनाने का शौक है। पढ़ाई में भी अच्छा है। अवकाश के दौरान ही यह काम करता है। इससे परिवार भी उसकी हौसला अफजाई करता है।
अपने गुरू के लिये बनाई है शार्ट जीप—
गौतम ने एक शॉर्ट जीप बनाई है। इसे वह अपने गुरू रामावत साहब को भेकंट करना चाहता है। रामावत साहब पहले उयसके विद्यालय के प्रधानाध्यापक थे जिनका तबादला कहीं और हो चुका है| उसकी इच्छा है रामावत साहब जब भी दुसरी बार कभी दूदवा आयेंगे तब यह जीप उन्हें भेंट करेगा। (साभार)
exilent mind..
vishwakarma log to janm se engineer hote hai…bam sabko kisi eng. cirtificate ki jarurat nahi
WE WILL.? They each shouteԁ and so they rran too the bed room bickerіng aboᥙt who ԝill get too
go first.
Excellent post. I am experiencing a few of these issues as well..