हवाई यात्रा अब सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, बल्कि हम सबके लिए भी है- श्रवण विश्वकर्मा

लखनऊ। आसमान में गूंजती शंख की ध्वनि अब सिर्फ आध्यात्मिक प्रतीक नहीं रहेगी, बल्कि यह भारतीय हवाई यात्रा में एक नए युग की शुरुआत का संकेत भी बनेगी। इसकी शुरूआत करने वाले हैं श्रवण विश्वकर्मा। बता दें कि श्रवण विश्वकर्मा एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले असाधारण व्यक्ति, अब लाखों आम लोगों के हवाई सफर के सपनों को पंख देने जा रहे हैं। उनकी एयरलाइन, शंख एयर न सिर्फ यात्रा का एक साधन होगी, बल्कि यह एक क्रांति होगी, एक ऐसी क्रांति जो हवाई यात्रा को सिर्फ उच्च वर्ग की संपत्ति से बाहर निकालकर हर नागरिक के लिए सुलभ बनाएगी।
श्रवण विश्वकर्मा का सफर साधारण नहीं था। उन्होंने बचपन में कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह खुद एक एयरलाइन के संस्थापक बनेंगे। लेकिन उनका विश्वास और उनकी हिम्मत ने उन्हें आगे बढ़ाया। “जो व्यक्ति सोच सकता है, वह कर भी सकता है,” यह उनका सिर्फ विश्वास नहीं, बल्कि उनकी सफलता की कुंजी भी रही है। आज जब शंख एयर अपनी 10 एयरबस A320/321 विमानों के साथ उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है, तो यह सिर्फ एक बिजनेस की कहानी नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का सपना पूरा होने का प्रतीक है, जिसने कभी आसमान की ओर देखकर उड़ने की इच्छा की थी।
श्रवण विश्वकर्मा का मानना है कि आज भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री पर बड़े कॉरपोरेट घरानों का दबदबा है। लेकिन वहदइस एकाधिकार को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। वे मानते हैं कि हवाई यात्रा पर केवल उच्च वर्ग का अधिकार नहीं होना चाहिए। किसान, लघु उद्यमी, मजदूर—हर भारतीय को यह सुविधा मिलनी चाहिए, और वह भी ऐसी कीमत पर जो उनकी जेब पर भारी न पड़े।