भगवान विश्वकर्मा व उनके पांचो पुत्रों की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न
गाज़ियाबाद। देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर गाज़ियाबाद में हिंडन नदी के तट पर नवनिर्मित भगवान विश्वकर्मा वेद मन्दिर में भगवान विश्वकर्मा व उनके पांचो पुत्रों मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी एवं दैवज्ञ की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान से सनातन वैदिक परम्परा अनुसार सम्पन्न हुई। यह एक ऐतिहासिक मन्दिर है तथा इसका प्रथम बार निर्माण हिंडन नदी पर बनाने वाले सेतु के निर्माण के समय किया गया था। यह एक संयोग ही है कि हिंडन नदी पर सेतु का पुनर्निर्माण एवं भगवान विश्वकर्मा वेद मन्दिर का निर्माण भी एक साथ ही सम्पन्न हुआ है।
इस मन्दिर का जीर्णोद्धार शिव मन्दिर दुर्गा प्रबंध समिति के सहयोग से विश्वकर्मा समाज कल्याण सभा, गाज़ियाबाद द्वारा कराया गया है। मूर्ति स्थापना के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गाज़ियाबाद की महापौर श्रीमती आशा शर्मा उपस्तिथ रही। इस पावन अवसर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से विश्वकर्मा समाज के सभी नेताओं एवं समाज सेवियों को आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने भगवान विश्वकर्मा एवं उनके पांचों पुत्रों के बारे में जानकारी दी तथा उनकी महिमा पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने भगवान विश्वकर्मा को सृजनकर्ता, अनुसंधानकर्ता, वैज्ञानिक, अभियंता, वास्तुविक, ज्योतिष एवं खगोलशास्त्री बताया। ब्रह्माजी जी ने सृष्टि की रचना की तथा भगवान विश्वकर्मा जी ने सृष्टि को तकनीकी ज्ञान तथा विज्ञान का मार्गदर्शन दिया।
इस कार्यकर्म में कै0 चंद्रपाल पांचाल, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य जगदीश पांचाल, दिनेश वत्स, आदित्य धीमान, यशपाल धीमान, नरेंद्र पांचाल, भाजपा नेता राजू पांचाल, बालेश्वर पांचाल, सीमा शर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, रोहताश सोलंकी, विश्वकर्मा यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष धीमान, मुज़्ज़फरनगर से विशम्भर पांचाल, बालमुकुंद पांचाल, सुधीर शर्मा, उमाशंकर शर्मा, डा0 अजय भरद्वाज, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, अमरीश धीमान, अहमदाबाद से भरत सुथार, कपिल पांचाल सहित विश्वकर्मा समाज के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम अध्यक्ष कै0 चंद्रपाल पांचाल ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया।