शिक्षक दिवस विशेष- टीपी मिस्त्री अंग्रेजी के तो नलिनीकांत झा राजनीति विज्ञान के महान शिक्षाविद थे- सत्यनारायण
भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से शिक्षकों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। राधाकृष्णन शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित और शिक्षा को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति थे। इस दिन पूरा देश उन्हें एक शिक्षक के रुप में भी याद करता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि 5 सितंबर को टीचर्स डे होता है लेकिन ये बहुत की कम लोग जानते हैं कि टीचर्स डे 5 सितंबर को ही क्यूं मनाया जाता है।
आपको बता दें कि जब 1962 में डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने तो कुछ छात्रों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा। सर्वपल्ली ने अपने छात्रों को इस बात का जवाब देते हुए कहा कि 5 सितंबर को मेरा जन्म दिन मनाने के बजाय क्यूं न इस दिन को अध्यापन के प्रति मेरे समर्पण के लिये शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। छात्रों को उनका ये विचार पंसद आया और उसी दिन से पूरे भारत में 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
भागलपुर क्षेत्र अंतर्गत कुछ महान शिक्षाविद इस प्रकार है अंग्रेजी के स्व0 ठाकुर प्रसाद मिस्त्री सर्वेश, हिन्दी के स्व0 प्रो0 छेदी साह, राजनीति विज्ञान के प्रो0 नलिनी कांत झा (कुलपति), प्रो0 अरुण सिंह (परीक्षा नियंत्रक टीएमबीयू) सहित यह कई ऐसे शिक्षक थे जिन्होंने शिक्षा के महत्त्व को समझा और समाज के हर वर्ग के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। ऐसे शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर शत-शत नमन। शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षक जो समाज के बच्चों को एक अच्छी शिक्षा देकर विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं और देश सेवा में योगदान दे रहे हैं ऐसे शिक्षक को प्रणाम करता हूं।
लेखक- सत्यनारायण
पीजी राजनीति विज्ञान
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय
भागलपुर