समाजवादी पार्टी ने दिलाई विश्वकर्मा समाज को पहचान- रामआसरे विश्वकर्मा

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गोरखपुर। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा गोरखपुर द्वारा श्री विश्वकर्मा पूजा मिलन समारोह सहजनवां के स्व0 शारदा प्रसाद रावत महाविद्यालय में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि महसाभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्वमंत्री रामआसरे विश्वकर्मा रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन जिलाध्यक्ष यशपाल विश्वकर्मा ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इं0 विजेश शर्मा, राष्ट्रीय सचिव विश्वनाथ विश्वकर्मा, पूर्व विधायक यशपाल रावत तथा डॉ0 एस0एन0 विश्वकर्मा उपस्थित थे।

समारोह को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि पूर्वमंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा एक सामाजिक संगठन है। कुछ लोग भ्रम न फैलाएं कि हमारे सम्मेलन मे पार्टी की राजनीति की बात होती है। समाजवादी पार्टी ने विश्वकर्मा समाज को सम्मान दिया है। विश्वकर्मा समाज का सम्मान और पहचान को आगे बढाना हमारी जिम्मेदारी है। समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने से ही विश्वकर्मा समाज की पहचान बनी और सम्मान बढ़ा। समाजवादी नीतियों पर चलकर ही नाई समाज में पैदा हुए कर्पूरी ठाकुर बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

पूर्वमंत्री ने कहा कि समाजवादी नीति पर ही चलकर रामआसरे विश्वकर्मा सपा सरकार में शिक्षा मन्त्री बने थे। समाजवादी नीतियां ही दलितो और पिछड़ो को आगे बढ़ा सकते हैं।। जब विश्वकर्मा समाज की पहचान नहीं थी और लोग विश्वकर्मा समाज का नाम नहीं लेते थे, उस समय समाजवादी पार्टी ने हमें एमएलसी बनाकर विश्वकर्मा समाज को पहचान दी थी। 25 साल तक भाजपा को विश्वकर्मा समाज याद नहीं आया और अब जब लोकसभा चुनाव सामने है और हार का खतरा सिर पर मंडरा रहा है तो विश्वकर्मा समाज के बिखराव के लिये समाज के एक व्यक्ति को एमएलसी बनाया।

विश्वकर्मा समाज के नौजवानों को अब शिक्षा, नौकरी और रोजगार चाहिए। विश्वकर्मा समाज के लोग अब डाक्टर, इंजीनियर और आईएएस बनना चाहते हैं। आज के डिजिटल युग मे जब भाजपा सरकार को विश्वकर्मा समाज के नौजवानों के हाथ में कम्प्यूटर और कलम देना चाहिए तो उनके हाथ में टूल किट दे रही है। आज विश्वकर्मा समाज के बुनियादी मुद्दों का समाधान करने की आवश्यकता है। आरक्षण अगर खत्म हो जायेगा तो पिछड़े वर्गों को नौकरी नहीं मिलेगी। महिला आरक्षण में जब तक पिछड़े दलित अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं का आरक्षण नहीं किया जायेगा तब तक महिलाओं को समुचित भागीदारी नहीं मानी जायेगी। जातीय जनगणना से ही हम सभी की वास्तविक जनगणना का पता चलेगा। विश्वकर्मा समाज के लोग जब तक एमपी, एमएलए नहीं बनेंगे तब तक विश्वकर्मा समाज की आवाज संसद में नहीं उठेगी। सरकार में भागीदारी देने से ही विश्वकर्मा समाज के विकास का रास्ता खुलता है।

सम्मेलन को महासभा का प्रदेश सचिव गब्बूलाल विश्वकर्मा, श्याम जी विश्वकर्मा, डॉ0 एस0एन0 विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष सिद्धार्थनगर रवीन्द्र विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष महाराजगंज कैलाश विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष कुशीनगर राजेश्वर शर्मा, जिलाध्यक्ष देवरिया श्रीनिवास विश्वकर्मा, जिलाध्यक्ष संतकबीरनगर देवेंद्र विश्वकर्मा, विश्वकर्मा ब्रिगेड प्रदेश सचिव राहुल विश्वकर्मा, सभासद विकास विश्वकर्मा, ब्रिगेड जिलाध्यक्ष अमित विश्वकर्मा, रीता विश्वकर्मा, पारस नाथ विश्वकर्मा, संतोष विश्वकर्मा, बाबूराम विश्वकर्मा, कपिल देव विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र उर्फ धनई लोहार, अमरजीत विश्वकर्मा, साधू विश्वकर्मा, चन्द्रशेखर विश्वकर्मा, अवधधारी विश्वकर्मा, मम्भू शर्मा, सुशील विश्वकर्मा, सुभाष विश्वकर्मा सहित आदि ने अपना विचार रखा।

-शिव प्रकाश विश्वकर्मा

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