मध्य प्रदेश की पुष्पा विश्वकर्मा ने सीनियर नेशनल रेसलिंग में जीता पदक
भोपाल (मुकेश विश्वकर्मा)। लकड़ी का फर्नीचर बनाकर परिवार चला रहे सिवनी जिले के भोमा मुंडरई गांव निवासी स्वरूपचंद विश्वकर्मा की बेटी पुष्पा विश्वकर्मा ने 62 किलोग्राम भार वर्ग में सीनियर नेशनल रेसलिंग में ब्रॉन्ज (कांस्य) मेडल जीतकर मध्यप्रदेश व सिवनी जिले का गौरव बढ़ाया है। साथ ही विश्वकर्मा समाज का भी नाम रोशन किया है। महिला रेसलर पुष्पा विश्वकर्मा को बचपन से ही कुश्ती का शौक था। साधारण परिवार से होने के बावजूद सालों की मेहनत व कठिन परिश्रम कर पुष्पा ने सीनियर महिला नेशनल रेसलिंग में कांस्य पदक जीतकर अपनी अलग पहचान बनाई है। रेसलिंग की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए महिला होने के बाद भी पुष्पा ने प्रयास निरंतर जारी रखा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी- साल 2013 से अब तक पुष्पा सीनियर व जूनियर महिला रेसलिंग में कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं। पिता से मिले हौंसले व कोच की मदद से पुष्पा अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हाथ आजमाने तैयारी कर रही हैं। महिला रेसलर पुष्पा विश्वकर्मा फिलहाल उत्तरप्रदेश लखनऊ के ट्रेनिंग सेंटर में एशियन व ओलंपिक गेम्स के ट्रायल में शामिल होने कुश्ती में जी-तोड़ प्रेक्टिस कर रही है।
हर परिस्थिति का किया सामना- जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर मंडला मार्ग पर स्थित मुंडरई गांव निवासी महिला रेसरल पुष्पा विश्वकर्मा ने बताया कि उसके पिता पेशे से बढ़ई हैं, जो दूसरों के घरों में लकड़ी का फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। भाई मजदूरी का काम करता है। पुष्पा मानती हैं कि पिता व कोच की बदौलत वह इस मुकाम तक पहुंची हैं। दोनों ने हर परिस्थिति में मेरा साथ दिया। हालाकि कमजोर परफारमेंस के कारण 2 साल पहले मध्यप्रदेश अकादमी से पुष्पा को निकाल दिया गया था लेकिन पुष्पा ने मुश्किल परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हुए प्रेक्टिस जारी रखी। इसका नतीजा है कि जनवरी 2021 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई सीनियर महिला नेशनल रेसलिंग के 62 किलो भार वर्ग में पुष्पा विश्वकर्मा ने कांस्य पदक जीत कर सभी को चौंका दिया।
पुष्पा ने बताया कि उससे छोटी दो बहन व दो भाई हैं। पिता पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी है। एकेडमी में प्रैक्टिस, रहने व खाने के खर्च के लिए पैसे जुटाना मुश्किल होता था। सोल्डर इन्जरी के कारण पिछले साल भी पुष्पा प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकी थी। ऐसे मुश्किल वक्त में इंदौर के कोच अजय वैष्णव ने पुष्पा का हौंसला बढ़ाकर उसकी मदद की।
7 साल में जीते कई मेडल-
-इण्डिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन द्वारा दिसम्बर 2013 व जून 2014 में आयोजित प्रतियोगिता में महिला कुश्ती खिलाड़ी पुष्पा ने ब्रॉन्ज मैडल जीता था।
-मई 2014 में झारखण्ड में हुई 16वीं महिला जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मैडल अपने नाम किया था।
-उत्तर प्रदेश के गोण्डा में नवम्बर 2014 में हुई 17वीं महिला सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में पुष्पा को ब्रॉन्ज मैडल मिला था।
-जून 2015 में केरल नेशनल गेम में खेलते हुए ब्रॉन्ज मैडल जीता था।
-दिसम्बर 2018 में 21वीं महिला सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में पुष्पा विश्वकर्मा ने हिस्सा लिया था, इसमें वह कोई मैडल नहीं जीत पाई थी।