विश्वकर्मा समाज की गौरव पार्वती जांगिड़ सुथार

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आज हम विश्वकर्मा भाइयों-बहनों के लिए एक उत्सव का दिन है, जब हमारे समाज की एक युवा नेत्री ने वैश्विक स्तर पर समाज का नाम रौशन करते हुए पूरे देश का नाम रौशन की है। यह विश्वकर्मावंशियों के लिए एक सुखद एवं सम्मानित होने का दिन है। हम सब विश्वकर्मावंशियों का यह दायित्व बनता है कि इस नेत्री का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की सोचें। यह हमारे समाज के उन्नत होने का सौन्दर्य तो है ही, यह समाज के लिए एक गौरव का भी क्षण है। भारत की पार्वती जांगिड़ सुथार मूलतः जोधपुर, राजस्थान की रहने वाली हैं।

पार्वती जांगिड़ सुथार एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इन्होंने भारतीय होने के साथ-साथ सामाज की एक सम्बल नेत्री के रूप में मानवता के लिए अनेकों कार्य कर दुनिया भर में एक मिसाल क़ायम की है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी एक हजार महिलाओं की सूची में शीर्ष दस महिलाओं में पांच भारतीय होने में सम्मिलित नामों में वह शीर्ष पर रहने वाली विश्वकर्मा वंश की पार्वती जांगिड़ सुथार हैं जो एक गौरव व सम्मान की बात है। यह अत्यन्त ही खुशी की बात है कि पार्वती जांगिड़ सुथार संयुक्त राष्ट्र संघ के इनीशिएटिव रिपब्लिक ऑफ वूमेन द्वारा गठित अंतरराष्ट्रीय स्तर के बोर्ड में शामिल होंगी। यह बोर्ड विश्व भर में महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण संबंधी नीतियां बनाने में संयुक्त राष्ट्र संघ को सहयोग करेगी।

पार्वती जांगिड़ सुथार खुद के जीवन में अपने को स्वतंत्र रूप से मुसीबतों से जूझते हुए एक ऐसा कार्य की हैं जिसे प्राप्त करना एक दुर्लभ उपक्रम है। वैश्विक स्तर पर शीर्ष जगह बनाने का यह अनुपम और अनोखा कार्य पार्वती जांगिड़ सुथार ने जो कर दिखाया है, सभी विश्वकर्मा वंशियों के लिए एक सम्मान की बात है। राजस्थान के जोधपुर की पार्वती जांगिड़ सुथार देश की एक जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और सद्भावना दूत हैं। इस महिला ने बचपन में अपने पिता के निधन और बाल विवाह जैसी त्रासदी को दरकिनार करते हुए बिना हिम्मत हारे विजय की पताका फहराने का कार्य किया है जो विश्वकर्मावंशियों के लिए एक सम्मान की बात दिखती है। उसने अपने जीवन काल में ना ही अपने बाल विवाह जैसी प्रथा के प्रस्ताव को निरस्त करवाया था बल्कि चार बहनों और दो छोटे भाइयों के परिवार को साथ लेकर एक मजबूती भी प्रदान की जो समाज, प्रदेश एवं देश के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

आर्थिक परेशानियों से जूझती परिवार की पार्वती जांगिड़ सुथार ने दसवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ने के लिए बाध्य हुईं थीं। परन्तु उन्होंने अपनी निष्ठा एवं पढ़ाई दोबारा शुरू कर विश्वकर्मा बंधुओं के लिये एक नई लकीर लिख डाली। उन्होंने दोबारा पढ़ाई शुरू की और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के पश्चात समाज सेवा में भी शिक्षा ग्रहण करने का कार्य कर रही हैं। पार्वती जांगिड़ सुथार यूथ पार्लियामेंट ऑफ इंडिया की चेयर पर्सन और फाउंडर प्रेसिडेंट भी हैं। इस महान नेत्री का कोटि-कोटि अभिनन्दन तथा समस्त विश्वकर्मावंशियो की तरफ से ढेर सारी बधाईयां।

लेखक- डॉ0 अशोक, पटना, बिहार।

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