खुद की जिन्दगी से जंग लड़ रही प्रियंका विश्वकर्मा ने कोरोना से लड़ने को दान कर दिया गुल्लक

भदोही। देश मे बढ़ते कोरोना के संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन में हर वर्ग बढ़ चढ़कर योगदान देते नजर आ रहा है। मजदूरों को भोजन कराते हुए तो कहीं राहत कोष में धन देकर सरकार की मदद करते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं। ऐसा ही कुछ भदोही में भी हुआ है जहां एक बच्ची ने अपने गुल्लक में जुटाए हुए पॉकेट मनी को डीएम भदोही के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह लड़की खुद शारिरिक रूप से कमजोर है, इसके शरीर मे बड़ी आंत नहीं है। आर्थिक तौर पर इसके घर वाले खुद मजबूत नहीं हैं।
कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए हर उम्र के लोग बढ़ चढ़कर अपना योगदान देते नजर आ रहे हैं तो कालीन नगरी भदोही में एक ऐसी बच्ची ने योगदान दिया है जो लोगों के लिये अति प्रेरणादायी है। जो खुद गरीबी में पली-बढ़ी है, रोजाना इस बच्ची के ऊपर खुद 400 रुपये की दवा का खर्च है, बच्ची के पिता जनरेटर बनाकर जीविका चलाते हैं, खुद की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, उसके बावजूद प्रधानमंत्री के अपील पर देश के प्रति प्यार दिखाते हुये प्रियंका विश्वकर्मा ने अपने गुल्लक में जुटाये रुपयों को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया है। गुल्लक में जमा 2842 (दो हजार आठ सौ बयालीस रूपये) का दान इस बच्ची ने अपने पॉकेट मनी से किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रियंका शरीरिक तौर पर कमजोर है और उसके शरीर में बड़ी आंत नहैं है। बड़ी आंत न होने की वजह से इसे कई बार शौच जाना होता है। आलम यह है कि बच्ची शिक्षा से वंचित है। शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण इसका एडमिशन नहीं हो पा रहा है। गरीबी में पली-बढ़ी यह बच्ची देश के प्रति अपार प्रेम दिखाते हुए अपने पॉकेट मनी से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है।
प्रियंका के पिता बताते हैं कि बच्ची ने जब अपनी भावनाओं को बताया तो वह उसे रोक न सके। प्रियंका की भावनाओं का कद्र करते हुए उन्होंने जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद को उसके जुटाए हुए पॉकेट मनी को दिया है। बच्ची का भाव है कि मेरे जैसे कई ऐसे बच्चे होंगे जो आज के दौर में पढ़ाई-लिखाई से वंचित होंगे, साथ ही इस महामारी में भूखे होंगे, इन पैसों से उन लोगो की मदद हो यही उसकी चाहत है। प्रियंका के इस तरह के कदम की सराहना हर एक लोगों ने की है। साथ ही उन लोगों को ये तमाचा भी है जिन लोगो ने इस महामारी में देश, प्रशासन, डॉक्टर के खिलाफ मुहिम चलाया है। देश के लिए प्यार किस तरह से किया जाता है लोग इस बच्ची से सिख ले सकते हैं।
-महेश जायसवाल, पत्रकार
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