ओमपाल पांचाल विश्वकर्मा ने दिखाई ताकत, मची खलबली

सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विश्वकर्मा समाज के तेज—तर्रार नेता ओमपाल पांचाल विश्वकर्मा ने गंगोह में पिछड़ा वर्ग महापंचायत आयोजित कर अपनी ताकत का अहसास कराते हुये जिले सहित भाजपा नेताओं में खलबली मचा दी। बीते 11 अगस्त को गंगोह में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की विचारधारा के सपनों को साकार करने हेतु सामाजिक एवं राजनैतिक रूप से उपेक्षित अति पिछड़ा वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी तय करने के लिये एक महापंचयत का आयोजन ओमपाल पांचाल विश्वकर्मा द्वारा किया गया। जिसकी अध्यक्षता सच्चिदानंद गोस्वामी जी ने की।
महापंचायत आयोजक श्री विश्वकर्मा ने बताया कि हम सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और भाजपा के वोटर रहे हैं। आज इस महापंचायत में सम्मिलित भीड़ से साबित हो गया है कि गंगोह विधानसभा में अति पिछड़ा वर्ग भी एक राजनैतिक ताकत चाहता है। साथ ही यह भी साबित हो गया कि ज्यादा लम्बे समय तक राजनैतिक दल इसकी अनदेखी नही कर पाएंगे। गंगोह विधानसभा में 200 के लगभग गांव हैं, जिसमें लगभग 180 गांव में अति पिछड़ा वर्ग की हिस्सेदारी है। हमने लगभग 100 गांवो का दौरा इस महापंचायत के लिये किया और जिम्मेदार लोगों को इस महापंचायत के लिये आमन्त्रित किया। आज तक अति पिछड़ा समाज को सिर्फ वोट बैंक मानकर प्रयोग किया गया। अभी भी विधानसभा से गुर्जर समाज को टिकट की बात चल रही है। हमने पार्टी से मांग की है कि पिछड़े वर्ग को भी अपना नेतृत्व चाहिए। इस महापंचायत के माध्यम से अति पिछड़ा वर्ग पार्टी हाई कमान से अपना हक मांगना चाहता है और पार्टी हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाना चाहता है। मुझे विश्वास है कि पार्टी हाईकमान अति पिछड़े वर्ग की आवाज को इस विधानसभा उपचुनाव में जरुर सुनेगी। ओमपाल पांचाल विश्वकर्मा ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग की आवाज मैं हमेशा उठाता रहूंगा।
महापंचायत में नेत्रपाल चौहान, अजीत बंजारा, जगदीश सैन, लक्ष्मण कोरी, मनोज उपाध्याय, डा0 नरसिंह दास, राकेश पांचाल सहित विभिन्न पिछड़े समाज के गणमान्य लोगों ने एक आवाज में पिछड़ों की आवाज उठाने के लिए ओमपाल पांचाल विश्वकर्मा को अपना पूरा सहयोग देने का वायदा किया। महापंचायत में विश्वकर्मा समाज, कश्यप समाज, उपाध्याय समाज, लोनीया, चौहान समाज, बंजारा समाज, सैन समाज, प्रजापति समाज, कोरी समाज, धोबी समाज, बाल्मीकि समाज, गोस्वामी समाज व अन्य अतिपिछड़ा समाज के 12 से 14 हजार लोग पहुंचे थे।
कार्यक्रम का संचालन गौरव धीमान ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में धूम सिंह पांचाल, महंगी प्रेमचन्द रनियाला, अरविंद डूभर, प्रवीण, महिपाल गंगोह, विक्की जानखेड़ा, पवन बनियाला, जयसिंह दूधला, राकेश ननोता, बिल्लू सराजपुर, ईलमचंद चढ़ाव, राधेश्याम कलसी, बलराज व बाबू राव धानवा आदि का विशेष योगदान रहा।