देश में दौड़ रही नीरज पांचाल की किफायती तकनीक

3
Spread the love

शाहजहांपुर। ”मंजिलें उन्हीं को मिलती, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है..।” यह कहावत 1170 रुपये की नौकरी से नकारा करार दिए गए ऑयल पम्प बॉडी निर्माता कंपनी के मालिक नीरज पांचाल पर सटीक साबित हो रही है। शाहजहांपुर राजकीय पॉलीटेक्निक से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद मुजफ्फरनगर के खतौली निवासी नीरज पांचाल ने खुली आंखों से सपने देखकर हौसले के पंख से प्रगति की उड़ान भरी और करोड़ों की कंपनी के मालिक बनने के साथ सैकड़ों के तारणहार बन गए। इसके लिए होनहार प्रतिभा ने हुनर को हथियार बनाया। होंडा, यामहा, इंडोरेंस समेत कई कंपनियों में कास्टिंग डाई इंजीनियरिंग के अनुभव से उन्होंने मोटर बाइक में लगने वाली ऑयल पम्प की बॉडी की किफायती डिजाइन तैयार की। इस डिजाइन के प्रयोग से किसान के बेटे ने कम लागत में 25 फीसद उत्पादन बढ़ाकर सस्ते में गुणवत्तायुक्त उत्पाद बाजार में उतार दिया। इससे दो साल के भीतर ही पांचाल ने आटोमोबाइल के 50 फीसद बाजार पर कब्जा कर लिया। वर्तमान में रुद्रपुर सिडकुल में लगी फैक्टरी में 16 लाख ऑयल पम्प बॉडी का निर्माण कर रहे हैं। अब उन्होंने मशीनों की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर प्रति माह तीस लाख नग उत्पाद का लक्ष्य तय किया है।
इस तरह बढ़ाया कदम—
नीरज ने पहली नौकरी 1170 रुपये पगार पर की, लेकिन मालिक ने नकारा बताकर निकाल दिया। इसके बाद 1800 की नौकरी मिली। मेहनत व हुनर पर कद्रदान बढ़े। साल भीतर पगार 9000 मासिक हो गई। एल्यूमिनियम डाई कास्टिंग में विशेषता देख यामहा ने छह लाख का पैकेज देकर जापान भेजा। दो साल बाद इंडोरेंस ने 12 लाख के पैकेज पर बुलाया। दस साल तक आटोमोबाइल सेक्टर में काम करके नीरज ने करोड़ों कमा लिए। अब वह सपना पूरा करने में जुट गए।
तीन करोड़ के घाटे पर भी नहीं हारी हिम्मत—
वर्ष 2012 में नीरज ने पार्टनरशिप में फैक्टरी लगाई। तीन साल में कम्पनी तीन करोड़ के घाटे में चली गई। नीरज ने हिम्मत नहीं हारी। गोल्ड लोन व दोस्तों की मदद से 2015 में खुद की कम्पनी खड़ी की। इस बार उन्होंने नई तकनीक की कास्टिंग डाई से मोटर साइकिल में लगने वाले आयल पम्प की बॉडी बनानी शुरू कर दी। किफायती तकनीक से 25 फीसद उत्पादन बढ़ाकर नीरज ने सस्ते में टिकाऊ उत्पाद बाजार में उतार कर आटोमोबाइल के 50 फीसद बाजार पर कब्जा कर लिया। नीरज की कम्पनी में बने उत्पाद टियर—2 श्रेणी के हैं और इन्हें यामहा, हांडा, हीरो, रायल एनफील्ड, बजाज, सुजुकी आदि कम्पनियों की मोटर बाइक के आयल पम्प में प्रयोग किया जाता है।
नारी सशक्तिकरण को अर्जित ताकत—
नीरज पांचाल ने प्रोडक्ट की फिनिशिंग के लिए आधी आबादी को चुना। वर्तमान में कम्पनी में 25 फीसद महिलाएं काम करती हैं। इससे महिलाएं समृद्ध हुई और कम्पनी भी दो साल भीतर करोड़ों के फायदे में पहुंच गई।
पहले कर्ज अब लगा रही चक्कर—
नीरज पांचाल ने कंपनी लगाने के लिए बैंकों के बहुत चक्कर लगाए। लेकिन किसी ने ऋण नहीं दिया। खुद के बूते कम्पनी खड़ी की। अब सभी प्रमुख बैंक नीरज पांचाल के चक्कर लगा रही हैं।

3 thoughts on “देश में दौड़ रही नीरज पांचाल की किफायती तकनीक

  1. बहाने हजार होते हैं बहानों का क्या, जो करते हैं खुद पर यकीन। मंजिल भी उन्हें ही नसीब होती है।
    प्रेरणादायक प्रसंग, जो रोजगार ना होने का रोना रोते रहते हैं उनके लिए एक सबक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

%d bloggers like this: