भगवान विश्वकर्मा हम सभी के आराध्य देव है-चंद्र बदन मिस्त्री
मुजफ्फरनगर। जिले के खतौली स्थित विश्वकर्मा मंदिर के समीप पैराडाइज बैंकट हॉल में “भारतीय धीमान ब्राह्मण महासभा” का तृतीय स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर इंद्रजीत सिंह (पौत्र पूर्व राष्ट्रपति स्व0 ज्ञानी जैल सिंह) मुख्य अतिथि और गुजरात से आये चंद्रबदन मिस्त्री अति विशिष्ट अतिथि रहे। डिसा से आये श्री विश्वकर्मा मन्दिर डाकोर के अध्यक्ष चन्द्रबदन मिस्त्री व उनके साथ आए उनके साथियों ने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान सुधन्वा विश्वकर्मा जी के चित्रपट पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कर किया गया। तत्पश्चात महासभा गीत का गायन किया गया।
महासभा के “द्वितीय स्थापना दिवस” 2022 से ही “महासभा” और “विश्वकर्मा वैदिक पत्रिका” समाज की महान विभूतियों को “धीमान विभूषण” “धीमान शिरोमणि” “धीमान रत्न” और “धीमान खेल रत्न” से विभूषित कर रही है। इस मौके पर प्रमुख समाजसेवी चंद्रबदन मिस्त्री को “धीमान शिरोमणि”, वैद्य रमेश चंद्र शास्त्री बिजनौर को “धीमान रत्न”, वैदिक विद्वान आचार्य विष्णु मित्र विद्यार्थी बिजनौर को “धीमान विभूषण”, शिक्षाविद/साहित्यकार बाबूराम विभाकर गाजियाबाद तथा शिक्षाविद डॉ0 एम0सी0 धीमान सहारनपुर को “धीमान विभूषण” उपाधि से अलंकृत किया गया। इसके अलावा गोल्ड मेडल जीतने वाली बेटी भावना धीमान को “धीमान खेल रत्न” की उपाधि से विभूषित किया गया। “धीमान शिरोमणि” से अलंकृत चन्द्रबदन मिस्त्री ने श्री विश्वकर्मा मन्दिर डाकोर में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति को स्वर्ण कवच में प्रतिस्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
नजीबाबाद से आये हरप्रसाद शास्त्री को महासभा ने शाल, पगड़ी, सम्मानपत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वहीं मुख्य अतिथि इंद्रजीत सिंह (पौत्र पूर्व राष्ट्रपति स्व0 ज्ञानी जैल सिंह) को पगड़ी, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, शाल आदि से सम्मानित किया। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश का विस्तार किया गया वहीं पंजाब प्रदेश का विस्तार करते हुए प्रदेश महामंत्री पद शिवांगी धीमान को दिया गया।
इस अवसर पर श्री विश्वकर्मा मन्दिर डाकोर के अध्यक्ष चंद्रबदन मिस्त्री ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा हम सभी के आराध्य देव हैं और हम सभी में समाज सेवा कूट-कूट कर भरी होनी चाहिए। सभी के सहयोग से डाकोर में विश्वकर्मा मूर्ति और सिंघासन स्वर्ण कवच समाज को समर्पित किया गया। वहीं मुख्य अतिथि इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी को सामाजिक एकजुटता दिखानी ही होगी। पंजाब से आई महासभा की उपाध्यक्षा श्रीमती रीना धीमान ने महासभा और विश्वकर्मा वैदिक की उपलब्धियों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही स्वयं द्वारा रचित बहुचर्चित पुस्तक “पथिकों की परछाइयां” का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया। महसभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुंदरलाल धीमान ने दूरदराज प्रदेशों से आये अतिथियों का आभार व्यक्त कर धीमान ब्राह्मणों को एकजूट होकर कार्य करने को उत्साहित किया।
इस अवसर पर डॉ0 अनिल धीमान गुरुकुल हरिद्वार, डॉ0 मंजुल धीमान रुड़की, प्रवीण कुमार धीमान ‘राजा’ खतौली, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पदम् प्रसाद धीमान चंडीगढ़, मध्यप्रदेश इंदौर से पण्डित उमेश शर्मा, जयपुर राजस्थान से श्रीमती चंचल धीमान, पंजाब से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोशन धीमान, लुधियाना से पंजाब प्रदेश अध्यक्ष संजीव धीमान, राष्ट्रीय उपाध्यक्षा रीना धीमान, महामंत्री शिवांगी धीमान, हरियाणा से प्रदेश अध्यक्ष रेणु धीमान, महामंत्री कमलकांत धीमान, अमरजीत धीमान, जोगिंदर धीमान, जगमोहन धीमान, राजेन्द्र धीमान, उत्तरप्रदेश से प्रदेश अध्यक्ष इं0 अशोक शर्मा सहारनपुर, महामंत्री विनय हटवाल मेरठ, संदीप धीमान सहारनपुर, गाजियाबाद से यशपाल धीमान, अनिल धीमान, ब्रह्दत्त धीमान, बाबूराम विभाकर, यूपी बिजनोर से संगठन मंत्री गोपाल धीमान, हर प्रसाद शास्त्री नजीबाबाद, उत्तराखंड से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमेश धीमान, संस्थापक सदस्य केदारनाथ धीमान, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम कैलाश धीमान, प्रदेश अध्यक्ष अरुण धीमान, उपाध्यक्ष नाथूराम शर्मा, रामकुमार शर्मा, महेंद्र धीमान, महामंत्री रवि धीमान, संरक्षक मामचंद धीमान, जिलाध्यक्ष इं0 सुशील शर्मा, सचिव इं0 ऋषिपाल धीमान, सदस्य आदेश धीमान, श्रवण कुमार धीमान, तथा खतौली से सपरिवार सपत्नीक श्रीमति सुमन धीमान, सुंदरलाल धीमान उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्रबदन मिस्त्री और संचालन राष्ट्रीय महामंत्री वीरेन्द्र धीमान ने किया। इस मौके पर संस्थापक सदस्य श्रवण कुमार धीमान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये 2 मिनट मौन रहकर उनकी आत्मा की शान्ति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की गई।