लोहार कल्याण समिति व बढ़ई विश्वकर्मा संघ ने एसडीएम अरविन्द कुमार का किया अभिनन्दन

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मुजफ्फरपुर। बीपीएससी पास कर एसडीएम पद पर चयनित अरविन्द कुमार का अभिनन्दन किया गया। अभिनन्दन समारोह लोहार कल्याण समिति व बढ़ई विश्वकर्मा संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। अरविन्द कुमार ने समारोह में उपस्थित सभी के समक्ष अपनी सफलता की कहानी सुनाई। अरविन्द कुमार अपने दृढ़ निश्चय के बल पर आर्थिक तंगी के बावजूद हर कठिनाइयों का सामना करते हुए बीपीएससी निकालने में सफल हुए।

ज्ञात हो कि अरविन्द कुमार को बड़े-बड़े स्कूल नसीब नहीं हुए। वे मुजफ्फरपुर जिले के पारु प्रखंड के एक गांव जाफरपुर के प्राथमिक विद्यालय से लेकर राममनोहर लोहिया स्मारक महाविद्यालय से इतिहास से ग्रेजुएशन किया। पैसे के अभाव में इन्हें नेतरहाट, आर के मिशन आदि जैसे नामी-गिरामी स्कूल नसीब नहीं हुए। लेकिन ये पढ़ने में अव्वल थे और मन में ठान बैठे थे कि चाहे परिस्थितियां जो भी हो, हमें यह मुकाम हासिल करना ही है। इनके पिताजी सामाजिक विचारधारा के समाजसेवी थे, इसलिए आमदनी का कोई बहुत अच्छा श्रोत नहीं था। शुरु के दिनों में अरविन्द कुमार खुद की जरूरतों और पढ़ाई के खर्च के लिए ट्युशन पढ़ाया और बाद में बैंक में नौकरी भी मिल गयी।

फिर भी अरविन्द कुमार इतने से ही संतुष्ट नहीं हुए। अक्सर ऐसा होता है लोगों को नौकरी मिली और उनका पड़ाव वहीं हो जाता है भले ही उसी विभाग में जितना भी प्रमोशन हो जाए। परन्तु अरविन्द का मन यहीं नहीं भरा ये बीपीएससी करने के अपने ज़िद्द को पूरा करने के लिए अपनी शिक्षा और परीक्षा जारी रखी। बैंक के नौकरी मिलने के बाद भी ये पढ़ते रहें और अपने सातवें प्रयास में अपने सपने को पूरा करने में सफल हुए। यह भी मालूम हो कि इस बीच अरविन्द की शादी भी हो गयी। परिवार और बच्चे की जिम्मेदारी होने के बाद भी अरविन्द अपने मिशन में लगे रहे। घर परिवार और पढ़ाई का सही मैनेजमेंट रखा। कभी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं हुए और अंततः इसे प्राप्त किया ही।अरविन्द की सफलता समाज के लिए गौरव की बात है।

अरविन्द की सफलता के उपलक्ष्य में लोहार कल्याण समिति जिला मुजफ्फरपुर द्वारा भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इस सुअवसर पर डॉ0 विनय कुमार शर्मा सिविल सर्जन मुजफ्फरपुर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुये। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि अरविन्द कुमार की बीपीएससी में सफलता सुना तो मुझे रहा नहीं गया क्योंकि लोग एक दो बार के असफलता होने पर हिम्मत हार जाते हैं और उस काम को यह समझ कर छोड़ देते हैं कि बड़ा कठिन है परन्तु यह ऐसा जिद्दी शख्स था कि छोड़ा नहीं लगातार सातवीं बार प्रयास किया और अंततः इससेे बीपीएससी हार गया। मैं अपने समाज के होनहार युवाओं और विद्यार्थियों से कहना चाहता हूं कि आप अरविन्द से प्रेरणा लीजिए और इमानदारी से मेहनत कीजिए, आपकी मंजिल भी आपके कदमों में होगी। इस अवसर पर समाज के डाक्टर, प्रोफेसर, शिक्षाविद, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी आकर अरविन्द कुमार का भव्य स्वागत किया।

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