जानिये- बेरोज़गारों को रोज़गार दिलाने वाली योजनाएं व विभाग

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आज कल बेरोज़गारों को रोज़गार देने के उद्देश्य से राज्य व केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएँ संचालित की गयी हैं, परन्तु जानकारी के अभाव में तमाम बेरोज़गार युवा/युवतियाँ इन योजनाओं से वंचित हो जाते हैं। इसी को देखते हुए लेखक ने उन तमाम बेरोज़गार साथियों के हितार्थ इस लेख का प्रणयन किया है। बेरोज़गारी को समझने हेतु रोज़गार किसे कहते हैं पर दृष्टिपात ज़रूरी है। आएं देखें रोज़गार कहते किसे हैं? रोज़गार या सेवा को आर्थिक क्रिया कलाप माना जाता है। इसके अन्तर्गत कार्य के बदले में बेतन या मज़दूरी प्राप्त होती है। इसे नौकरी या नियोजन के नाम से भी पुकारते हैं। रोज़गार के अन्तर्गत जो कार्य करता है उसे नौकर, कर्मचारी या नियोजित कहा जाता है। कोई व्यक्ति जीवन के विभिन्न कालावधियों में जिस क्षेत्र में काम कराता है, काम करता है उसको उसकी आजीविका या “वृत्ति” या रोज़गार अथवा करियर कहते हैं। आजीविका से ही व्यक्ति जीवकोपार्जन करता है।

भारत की गणना आज विश्व में युवा देश के रूप में की जाती है, क्योंकि यहाँ 54% जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु के लोगों की है। इसीलिये अर्थशास्त्री इसे डेमोग्राफ़िक डेविडेंट के नाम से भी पुकारते हैं। भारत में कृषि एक आजीविका का बड़ा स्रोत है, लगभग 85% आबादी के लिये कृषि आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। कृषि ही खाद्य आपूर्ति का भी एक प्रमुख स्रोत है। अतः राज्य/ केंद्र सरकारें इसमें रोज़गार के अवसर का बखूबी प्रबंध कर रही हैं।

भारत सरकार के सहयोग से प्रत्येक जनपद में लीड बैंक के सहयोग से रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई है, जिसमें युवाओं/ युवतियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। जैसे डेयरी फ़ार्मिंग एण्ड वर्मी कम्पोस्ट, कंप्यूटर बेसिक्स, ब्यूटी पार्लर मैनेजमेंट, रेफ़्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग, इन्वर्टर यू पी यस मैन्यूफ़ैक्चरिंग एण्ड सर्विसिंग, ड्रेस डिजाइनिंग,पेपर बैग लिफ़ाफ़े बनाना, सीयफ़यल/यलईडी लाइट मरम्मत, क्लॉथ बैग मेकिंग, टेलरिंग एण्ड रेडीमेड बस्र निर्माण, मोबाइल रिपेयरिंग एण्ड सर्विसिंग, दो पहिया वाहन मरम्मत, ट्रेक्टर रिपेयरिंग एण्ड सर्विसिंग, इंब्रायडरी एण्ड जरदोजी, फोटोग्राफी, अगरबत्ती निर्माण, दोना पत्तल निर्माण, सिलाई मशीन रिपेयरिंग, डीज़ल इंजिन मैकेनिक, मोटर कार ड्राइविंग, हैंड पम्प वोरिंग, इलेक्ट्रीशियन, घरेलू वर्तन आदि की मरम्मत, अचार मुरब्बा संरक्षण, कैटरिंग, राजगिरी व कंक्रीट वर्क, फ़ास्ट फ़ूड तैयार करना, थ्री व्हीलर ड्राइविंग, प्लंबिंग एण्ड सैनिटेशन वर्क, स्क्रीन प्रिंटिंग एण्ड बुक बाइंडिंग, फाइल मेकिंग एण्ड बुक वर्क, सोलर एनर्जी प्रोडक्ट एण्ड सर्विस, आरओ वाटर प्युरिफ़िकेशन प्लांट सर्विसिंग, अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट, कृषि क्षेत्र से संबंधित प्रशिक्षण जैसे मत्स्य पालन, बकरी भेड़ पालन, सुकर पालन, पोल्ट्री फ़ार्म आदि मे।बे रोज़गार साथी ज़िले के एलडीएम से संपर्क कर उक्त में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना व्यवसाय शुरू कर आजीविका कमा सकते हैं।

इसके अलावा प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना जो 15 जुलाई 2015 से संचालित है में 02 माह, 06माह व 01 वर्ष तक के प्रशिक्षण सबसे अच्छे माँग आधारित क्षेत्रों में अपना कौशल बढ़ाकर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कोडिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ब्लॉक चेन, यूजर एक्सपीरियंस डिज़ाइन, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, इमोशनल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ई कॉमर्स, डेटा एनालिटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक एण्ड हार्ड वेयर, हेल्थ केयर, एपारेल, रियल एस्टेट, रिटेल, टेलीकॉम एण्ड लॉजिस्टिक, इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन, जेनरल ड्यूटी असिस्टेंट होम हेल्थ ऐडे, मेडिकल इक्विपमेंट टेक्निकल असिस्टेंट, फ़्लेबेटोमिस्ट में प्रशिक्षण हेतु ज़िला विकास कार्यालय में ज़िला कॉर्डिनेटर कौशल विकास से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अतिरिक्त महिला बहने अपने ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी से संपर्क कर समूह से समृद्धि की ओर, स्वयं सहायता समूह में जुड़ कर विभिन्न प्रकार के काम कर सकती हैं। ज़िले पर समाज कल्याण अधिकारी विकास के दफ़्तर में जाकर स्वतः रोज़गार शुरू करने हेतु समूह बनाकर युवा/युवतियाँ योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ज़िले में ज़िला उद्योग केंद्र के उपायुक्त से संपर्क कर भी अनेक रोज़गार परक योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में भी विभिन्न ट्रेड्स में पंद्रह दिन का प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्नत टूल किट प्राप्त कर अपना रोज़गार अच्छे से कर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। जो हमारे भाई/ बहन अकुशल श्रमिक है, उन्हें अपने ब्लॉक कार्यालय से पंजीकरण कराकर मनरेगा योजना में सौ दिन का काम वर्ष में प्राप्त कर सकते हैं। जो बेरोज़गार भाई बहन सरकारी मदद से अपना रोज़गार शुरू करना चाहते हैं उन्हें राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से संपर्क कर अपने यहाँ छोटे उद्योग लगाकर अपना आर्थिक विकास कर सकते हैं। सामान बनाने वाली इकाइयों के लिये प्लांट और मशीनरी में निवेश 25 लाख से पाँच करोड़ के बीच और सेवा प्रदाताओं के लिए मशीनरी में निवेश 10 लाख से 02 करोड़ के बीच होता है।

उक्त के अलावा प्रधान मंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के युवा युवतियाँ अपना रोज़गार शुरू करने हेतु 20 लाख से 50 लाख तक के ऋण प्राप्त कर अपना रोज़गार अच्छे से शुरू कर सकते हैं। इसके लिए उपायुक्त उद्योग से संपर्क कर आवेदन करना होगा। चयन के उपरांत संबंधित बैंक से सहायता खाते में अंतरित होती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश नवीन रोज़गार छतरी योजना में 25000/- रुपये की आर्थिक सहायता बेरोज़गार व्यक्तियों को मिलती है।बयह योजना कृषि पशुपालन विनिर्माण सेवाओं और व्यापार सहित विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करने हेतु दी जाती है। यूपी मुख्यमंत्री युवा स्वरोज़गार योजना के तहत युवाओं/ युवतियों को दो सेक्टर उद्योग व सेवा क्षेत्र हेतु ऋण दिया जाता है।वउद्योग हेतु 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख का ऋण दिया जाता है। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड भी राज्य में उद्यमिता व ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु उपयुक्त लाभार्थिओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

प्रत्येक ज़िले में शहरी ग़रीब भाइयों/ बहनों को जो बेरोज़गार हैं, उन्हें ज़िला नगरीय विकास एजेंसी द्वारा सामाजिक व आर्थिक उत्थान हेतु कई रोज़गार शुरू करने हेतु वित्तीय सहायता दी जाती है। यह योजना सूडा द्वारा चलायी जाती है। इसके अलावा मुद्रा लोन योजना से भी ऋण प्राप्त कर अपना रोज़गार चलाया जा सकता है। इसके अलावा श्रम और रोज़गार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा यंग प्रोफेसॉनल्स स्कीम भी लाँच की गई है। मॉडल करियर सेंटर द्वारा समय समय पर रोज़गार मेलों का भी आयोजन किया जाता है जिसमें तमाम कंपनियाँ ट्रेंड युवाओं/ युवतियों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं। इसके अतिरिक्त ज़िला सेवा योजना कार्यालय भी अनेक प्रकार के प्रशिक्षण देता है। रोज़गार संगम योजना का भी लाभ हमारे युवा/ युवतियों ने प्राप्त किया है। प्रधानाचार्य राजकीय आईटीआई से भी विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण हेतु संपर्क कर रोज़गारपरक प्रशिक्षण प्राप्त कर हमारे बेरोज़गार भाई बहन अपना कारोबार कर सकते हैं।

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया ABRY आत्म निर्भर रोज़गार योजना, राष्ट्रीय करियर सेवा परियोजना, स्टार्ट अप, स्टैंड अप तरह की योजनाओं का भी लाभ बेरोज़गार अपनी रुचि के अनुसार ले सकते हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना भी कुल 18 कामगारों हेतु शुरू की गई है, जिसका लाभ प्राप्त किया जा सकता है। विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों से सम्पर्क कर बाबा साहब अंबेडकर रोज़गार प्रोत्साहन योजना का भी लाभ बेरोज़गार युवा युवतियाँ प्राप्त कर सकते हैं। ज़िले में तमाम ऐसे अधिकारियों के दफ़्तर होते है जिनसे सीधे संपर्क कर बेरोज़गार अपनी रुचि के अनुसार योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।कुछ चुनिंदा दफ़्तरों में ज़िला उद्योग एवम् प्रोत्साहन केंद्र, ज़िला सेवा योजन अधिकारी, राजकीय आईटीआई प्रधानाचार्य, श्रमायुक्त कार्यालय, ज़िला कृषि अधिकारी व उप निदेशक कृषि,  कृषि विज्ञान केंद्र,पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी,अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, ज़िला दिव्यांग कल्याण अधिकारी, ज़िला प्रोबेशन अधिकारी, डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर कौशल विकास, ज़िला विकास अधिकारी, ज़िला समाज कल्याण अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी विकास, परियोजना निदेशक, उपायुक्त स्वतः रोज़गार, उपायुक्त मनरेगा, ज़िला नगरीय विकास एजेंसी दफ़्तर जैसे कार्यालयों से संपर्क कर राज्य व केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही तमाम रोज़गार परक योजनाओं की जानकारी लेकर उपयुक्त रोज़गार अपनी रुचि के अनुसार शुरू किया जा सकता है।

लेखक- डॉ0 दयाराम विश्वकर्मा  
(लेखक, ऑल इंडिया रेडियो के नियमित वार्ताकार, मोटिवेशनल स्पीकर, राज्य स्तरीय चुनाव प्रशिक्षक व कई पत्रिकाओं के संपादक, कई राज्य स्तरीय पुरस्कारों से विभूषित वरिष्ठ साहित्यकार हैं)

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