सपा सरकार बनी तो लखनऊ में गोमती तट पर बनेगा भव्य विश्वकर्मा मन्दिर- अखिलेश यादव

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा के राज में विश्वकर्मा समाज समेत समाज के सभी वर्गों के लोग अपमानित हुए हैं। कोई बचा नहीं है। सपा की सरकार में विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था जिसे भाजपा की सरकार ने निरस्त कर दिया। फिर सपा की सरकार बनी तो विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित होगा और गोमती नदी के तट पर भगवान विश्वकर्मा का भव्य मन्दिर बनेगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाला चुनाव देश का सबसे बड़ा चुनाव है। लोकतंत्र के परीक्षा की भी यह सबसे बड़ी घड़ी है। भाजपा षडयंत्रकारी, झूठ और भ्रम फैलाने वाली पार्टी हैं इससे सावधान रहना है। वैसे जनता ने भाजपा के विरोध में मन बना लिया है। यह भाजपा सरकार जाने वाली है। उसका सफाया होना तय है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में आयोजित विश्वकर्मा पूजा समारोह में आए विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण और आरती के पश्चात उन्होंने आयोजन में बड़ी संख्या में आए विश्वकर्मा समाज का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी।

उन्होंने घोषणा की कि समाजवादी पार्टी विश्वकर्मा समाज के सुझावों को घोषणा पत्र में स्थान देगी। समाजवादी पार्टी की सरकार में 17 सितम्बर विश्वकर्मा पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित होगा, गोमती नदी के किनारे भव्य विश्वकर्मा मंदिर की स्थापना होगी और विश्वकर्मा समाज को सम्मान मिलेगा।

श्री यादव ने कहा कि कभी इतना झूठ नहीं बोला गया, जितना भाजपा राज में बोला गया। भाजपा झूठ का प्रशिक्षण केन्द्र चला रही है। यह जनता को गुमराह करने का काम करती है। लगातार जनता को धोखा दिया जा रहा है। भाजपा राज में कोई काम नहीं हो रहा है। उत्तर प्रदेश में बड़े उद्योगपति बुलाए गए, 4 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए पर जमीन पर कोई उद्योग नहीं आया।

श्री यादव ने कहा कि कोरोना काल में सब कारोबार बंद हो गए, अर्थव्यवस्था चौपट हुई। दवा-इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में हजारों जानें चली गईं। तब भी काम आई सपा सरकार की चलाई 108 एम्बुलेंस सेवा और सपा सरकार में बने अस्पताल क्योंकि एक भी अस्पताल भाजपा सरकार में नहीं बना।

श्री यादव ने कहा कोरोना महामारी के दौर में श्रमिक पैदल घर जाने को मजबूर थे, भाजपा ने उद्योगपतियों-अमीरों के लिए हवाई जहाज की सेवा चालू रखी। ट्रेनें-बसे बंद कर दी। कोरोना हवाई जहाज के यात्रियों से आया। लेकिन जनसामान्य को अनाथ छोड़ दिया गया। लाशें गंगा किनारे मिलीं, दुनिया में उनकी तस्वीरें छपीं।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने वादे पूरे नहीं किए। किसान की आय दोगुनी नहीं हुई। गन्ना किसान को कीमत नहीं मिली। बिजली महंगी है। जितने विद्युत प्लांट सपा काल में लगे कानपुर, हरदुआगंज, एटा में उनका नाम भी मुख्यमंत्री जी नहीं लेते हैं। छोटे व्यापारी, बुनकर बेकार हो गए हैं।

श्री यादव ने कहा कि हम चाहते हैं जातिगत जनगणना हो ताकि हर समाज की सही संख्या की जानकारी हो सके तभी उसकी भागीदारी तय हो सकेगी। भाजपा पिछड़ों, गरीबों, दलितों के हक छीनना चाहती है। आरक्षण समाप्त करने की साजिशें हो रही हैं। संविधान बचाना है। मंहगाई ने भारत को संकट में फंसा दिया है। भाजपा भारत की संस्कृति को नष्ट करना चाहती है।

श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा न जाने कितने छोटे-बड़े झूठ बोलेगी। सोशल मीडिया में पैसा और प्रशिक्षण प्राप्त ई-रावण बैठे हैं वे जनता को भ्रमित करने का काम करेंगे। हमें इनसे सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी को अलीगढ़ का ताला याद रहा, यह याद नहीं कि कितनी कम्पनियों में ताला लग गया और कितने नौजवान बेरोजगार हो गए। कोई काम न करने वाली नाकारा भाजपा सरकार को जाना ही होगा। उसका सत्ता से हटना तय है। भाजपा सरकार कोई काम नहीं करती, बल्कि काम करने वालों को बेकाम करती है।

विश्वकर्मा पूजा समारोह के संयोजक रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने ही विश्वकर्मा समाज की पहचान बनाई है। समाज के पीड़ितों को यहीं से मदद मिली। समाज को सम्मान मिला है। गुजरात से आए कालूराम लोहार ने कहा कि अखिलेश यादव देश के भावी प्रधानमंत्री और भारत के भविष्य हैं। इस अवसर पर विश्वकर्मा समाज की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सुदर्शन चक्र, गदा, तलवार, हथौड़ा, स्मृतिचिह्न, पगड़ी, शाल, मुकुट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामआसरे विश्वकर्मा तथा संचालन राजेश विश्वकर्मा ने किया।

इस अवसर पर सर्वश्री राजेन्द्र चौधरी, ओम प्रकाश सिंह, लीलावती कुशवाहा सहित इ0 विजेश शर्मा, शिव शंकर वर्मा, अच्छेलाल विश्वकर्मा, डॉ0 शशिकान्त शर्मा, विश्वनाथ विश्वकर्मा, आशुतोष विश्वकर्मा, रामऔतार विश्वकर्मा, सूरजबली विश्वकर्मा, शंकर शर्मा ‘बंटी‘, श्रीमती रजनी विश्वकर्मा, हरेन्द्र विश्वकर्मा, देशपाल पांचाल, अभिषेक विश्वकर्मा, ऋषि शर्मा, मनीष शर्मा, संदीप विश्वकर्मा, जगदीप सोनकर, शीला विश्वकर्मा आदि की उपस्थिति प्रमुखता से उल्लेखनीय रही।

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