एडवोकेट गौरव विश्वकर्मा की अपील पर उच्च न्यायालय का आदेश, सन्तोष विश्वकर्मा का होगा नियमितीकरण
प्रयागराज। एडवोकेट गौरव विश्वकर्मा की अपील पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए कुल सचिव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को निर्देश दिया है कि संतोष कुमार विश्वकर्मा को उनके पद पर दो माह के अंदर नियमित करें। ज्ञात हो कि संतोष कुमार विश्वकर्मा की नियुक्ति 1 मार्च 2005 को (नियत वेतनमान 2600 /- रू0) लिपिक पद पर की गयी थी। सन्तोष की नियुक्ति के समय कुल चार कर्मचारी क्रमशः शान्ति प्रकाश मिश्रा नैत्यिक लिपिक, संतोष कुमार विश्वकर्मा नैत्यिक लिपिक, धीरज कुमार श्रीवास्तव इलेक्ट्रीशियन तथा हरदेव राम वार्ड व्याय की नियुक्ति हुई थी।
उपरोक्त में से धीरज कुमार श्रीवास्तव को वि०वि० पत्रांक- 2734/सा०/प्रशा0/2018 दिनांक 5 जनवरी 2018 द्वारा इलेक्ट्रीशियन पर नियमित किया जा चुका है। इसी तरह हरदेव राम को भी वि०वि० पत्रांक-9193 / सामान्य प्रशा0/2022 दिनांक 1 नवम्बर 2022 द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र में वार्ड ब्वाय पद पर नियमित कर वेतनमान प्रदान किया गया है। संतोष कुमार विश्वकर्मा समायोजन की आस में 18 वर्ष व्यतीत कर चुके हैं परन्तु विश्वविद्यालय में इतनी लम्बी सेवा के पश्चात् कोई संतोषजनक परिणाम न मिल पाया और कुछ वर्षों की ही सेवा शेष है। इस सम्बन्ध में संतोष कुमार विश्वकर्मा ने अनगिनत प्रार्थना पत्र कुलपति व कुल सचिव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को दिए।
संतोष कुमार विश्वकर्मा कार्य एवं पद के अनुरूप उचित जीवन निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। योग्य वेतन प्राप्त होने के कारण हीन भावना से ग्रसित होकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका WRIT-A /17988/2013 योजित की, जिस पर उनके अधिवक्ता गौरव विश्वकर्मा की अपील पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए कुल सचिव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर को यह निर्देश दिया कि संतोष कुमार विश्वकर्मा को उक्त पद पर दो माह के अन्दर नियमित करें। यह आदेश 27 अक्टूबर 2023 को पारित हुआ है। युवा अधिवक्ता गौरव विश्वकर्मा द्वारा न्यायालय में दिये गये दलील की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।