विश्वकर्मा पूजा अवकाश के लिए कराया मुंडन, आखिरी सांस तक लड़ने का किया संकल्प

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वाराणसी। विश्वकर्मा पूजा दिवस 17 सितंबर के सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में पड़ाव राजघाट गंगा किनारे स्थित अवधूत भगवान राम घाट पर विश्वकर्मा समाज ने सामूहिक मुंडन करा कर सरकार की हठधर्मिता का विरोध किया। साथ ही विश्वकर्मा पूजा पर्व अवकाश के लिए आखिरी सांस तक लड़ने का संकल्प किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बात करने वाली भाजपा सरकार जातीय आधार पर देवी देवताओं एवं महापुरुषों के साथ भेदभाव और उनका अपमान कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत भाजपा प्रधानमंत्री के जन्म दिवस 17 सितंबर को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिवस बनाने के लिए विश्वकर्मा पूजा पर्व की पौराणिक परंपरा संस्कृति और उसकी पहचान को खत्म करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि अनेक देवी देवताओं व महापुरुषों के नाम पर सरकार ने 25 सार्वजनिक अवकाश घोषित कर रखा है तथा शैक्षिक पाठ्यक्रमों में भी उन्हें स्थान प्राप्त है। सृजनकर्ता देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में पूर्व घोषित अवकाश को रद्द करके योगी सरकार ने भगवान विश्वकर्मा में आस्था रखने वाले सभी जाति, धर्म, वर्ग के करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था पर गहरा आघात किया है। उन्होंने सरकार से विश्वकर्मा पूजा पर्व का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग करते हुए कहा विश्वकर्मा पूजा पर्व देशभर में फैले करोड़ों विश्वकर्मा वंशजों के स्वाभिमान, गौरव और सामाजिक पहचान का प्रतीक पर्व है

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रीकांत विश्वकर्मा, नंदलाल विश्वकर्मा, डॉ0 प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, चंद्रशेखर विश्वकर्मा, दीनदयाल विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा पड़ाव, सुरेश विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा लल्लापुरा, चंदू विश्वकर्मा, सिद्धार्थ विश्वकर्मा, बाबूलाल विश्वकर्मा, राजेंद्र विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, मोहित विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित़ थे।

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