“श्री विश्वकर्मा महात्म्य- एक विमर्श” संगोष्ठी से प्रस्फुटित हुई विचार गंगा

Spread the love

प्रयागराज। जब किसी समाज को दिशा देने के लिये संतों और बुद्धिजीवियों का संगम होता है तो वहां विचारों की गंगा प्रवाहित होती है। यही संगम जब आध्यात्मिक संगम नगरी में हो तो उसकी महत्ता हजार गुना बढ़ जाती है। ऐसी ही महान विभूतियों का संगम आध्यात्मिक संगम नगरी प्रयागराज के सरदार पटेल सेवा संस्थान, अलोपीबाग में हुआ जहां “श्री विश्वकर्मा महात्म्य- एक विमर्श” संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन में बुद्धिजीवियों का जो सैलाब दिखा वह सामाजिक एवं वैचारिक क्रान्ति की नींव बन गई। संगोष्ठी में संत, न्यायमूर्ति, शिक्षाविद, अधिकारी, चिकित्सक, अधिवक्ता सहित तमाम संगठनों के पदाधिकारी, छात्रनेता, युवा, महिला, पत्रकार उपस्थित हुये। कार्यक्रम दो सत्र में सम्पन्न हुआ।

प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुये मूख्य वक्ता राष्ट्रीय विश्वकर्मा कथावाचक जयन्तीभाई शास्त्री (गुजरात) ने भगवान विश्वकर्मा के महात्म्य का वर्णन किया। शास्त्रों-पुराणों में उल्लिखित भगवान विश्वकर्मा की महिमा का वर्णन करते हुये शास्त्री जी ने कहा कि विश्वकर्मा समाज खुद को पहचाने और आत्मसात करे। कहा कि समाज का विकास करना है, समाज को ऊंचाइयों पर ले जाना है तो स्वयं मंच-माला की लालसा छोड़कर दूसरे का सम्मान करना होगा। दूसरे मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रोफेसर अमलदार निहार ने अपने उद्बोधन में समाज में प्रेम व भाईचारा को बढ़ाने पर जोर दिया तथा शिक्षकों की महत्ता को जीवन के लिये महत्वपूर्ण बताया।

मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, समाज को संगठित करते हुए आगे बढ़ने से बड़ी कोई चुनौती नहीं है। उन्होंने अपने छोटे-छोटे जीवन के जीवन्त किन्तु सत्य अनुभवों से रूबरू कराया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित पिछड़ा वर्ग आयोग के निवर्तमान सदस्य डॉ0 त्रिपुणायक विशवकर्मा व जगदीश पांचाल, ज्वाइंट कमिश्नर जीएसटी मनोज कुमार विश्वकर्मा, साहित्यकार संतलाल विश्वकर्मा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। सभी वक्ताओं ने समाज की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुये उसे बेहतर करने का सुझाव दिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ऑक्सीजन मैन एवं उद्योगपति रामप्यारे विश्वकर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्वकर्मा समाज की पहचान बहुत पुरानी है लेकिन इस समाज को अधिक से अधिक शिक्षित होने की आवश्यकता है। मंच पर अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वयोवृद्ध नेता छेदीलाल शर्मा की भी गरिमामय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी के द्वितीय सत्र जो कि तकनीकी सत्र था को क्रमशः डॉ0 शशिकांत शर्मा एमडी न्यू स्टैण्डर्ड ग्रुप ऑफ एजुकेशन रायबरेली, प्रोफेसर सुनीता आर्या, लोकजन सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 वीरेन्द्र विश्वकर्मा, रामायण प्रसाद विश्वकर्मा, डॉ0 शिव प्रसाद विश्वकर्मा, रमाकान्त विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, ओ0पी0 विश्वकर्मा, मनोज विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, छात्रनेता इं0 संदीप विश्वकर्मा, शिव पति विश्वकर्मा (पत्रकार), बच्चा विश्वकर्मा, डॉ0 दयाराम विश्वकर्मा, डॉ0 बिन्दू विश्वकर्मा, डॉ0 विनीता विश्वकर्मा, संजय तलसानिया (विश्वकर्मा धर्म प्रचारक, अहमदाबाद), बाबूलाल शर्मा, राम निरंजन विश्वकर्मा, प्रोफेसर संजय प्रसाद शर्मा आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से विश्वकर्मा समाज से सम्बन्ध रखने वाले देश के विभिन्न कोनों से आये हुए एवं अनेकों विभागों में कार्य के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान करने वाले समाज के अनेकों महानुभावों को सम्मानित किया गया। प्रोफेसर शिव प्रसाद विश्वकर्मा व स्वागत समिति के सदस्यों ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। प्रोफेसर संजय प्रसाद शर्मा ने सभी वक्ताओं, आगन्तुक अतिथियों, पत्रकारों, आयोजकों, व समस्त कार्यकताओं के प्रति आयोजन समिति की तरफ से आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रोफेसर सुनील कुमार विश्वकर्मा ने किया।

इस अवसर पर विश्वकर्मा सामाजिक चेतना मिशन के अध्यक्ष व मुख्य व्यवस्थापक महेन्द्र विश्वकर्मा, डॉ0 सुनील विश्वकर्मा कमला हॉस्पिटल, डॉ0 अनिल कुमार विश्वकर्मा लखनऊ, डॉ0 राजेश विश्वकर्मा एडवोकेट, वीरेंद्र प्रकाश विश्वकर्मा एडवोकेट, मोतीलाल विश्वकर्मा एडवोकेट, भुवाल विश्वकर्मा एडवोकेट, के0सी0 विश्वकर्मा एडवोकेट, रमाकांत विश्वकर्मा एडवोकेट, भाजपा नेता रमाकांत विश्वकर्मा, ओ0पी0 विश्वकर्मा, शिवप्रसाद विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा कुंडा, प्रोफेसर आनंद प्रकाश विश्वकर्मा दिल्ली यूनिवर्सिटी, विश्वकर्मा मंदिर नारियावां के अध्यक्ष गिरीश विश्वकर्मा, इंजीनियर वी0के0 शर्मा, प्रोफेसर बेचन शर्मा, प्रोफेसर वी0डी0 शर्मा, अनिल विश्वकर्मा डिप्टी जेलर, आशीष विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा, हरि प्रसाद विश्वकर्मा, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, लालता विश्वकर्मा, राहुल विश्वकर्मा झूंसी, अजय विश्वकर्मा, शिव प्रसाद, मैकूलाल विश्वकर्मा, अनिल विश्वकर्मा, रमाकान्त शर्मा, आचार्य पंडित लालबहादुर विश्वकर्मा, ईश्वर चन्द विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में सामाजिक बन्धु व मातृशक्ति उपस्थित रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: