छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन, आरएस विश्वकर्मा बनाये गये चेयरमैन
रायपुर। ओबीसी के सामाजिक और आर्थिक अध्ययन के लिए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बने इस आयोग में अध्यक्ष को मिलाकर सात सदस्य हैं। ओबीसी कल्याण आयोग तकनीकी आयोग है, जिसे निश्चित समयावधि के लिए बनाया गया है। रिपोर्ट देने के बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, इसीलिए सरकार ने आयोग को तीन महीने का समय तय किया है। आयोग का अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आरएस विश्वकर्मा को बनाया गया है।
बता दें कि आरएस विश्वकर्मा एलॉयड सर्विस से आईएएस में आए। यानी वे न तो यूपीएससी एग्जाम देकर आए और न ही पीएससी के जरिये डिप्टी कलेक्टर चुने जाने के बाद प्रमोट हुए। मगर काम में इतने स्मार्ट और दबंगई के साथ सिस्टम को आपरेट करते थे कि हमेशा वे अच्छे पदों पर बिठाए गए। बहरहाल, वे वित्त सेवा के मध्यप्रदेश राज्य कैडर के अफसर थे। उन्हें एलायड कोटे के तहत आईएएस अवार्ड किया गया था। श्री विश्वकर्मा देश के उन गिने-चुने अफसरों में शामिल होंगे, जिन्हें योग्यता के आधार पर आईएएस के लिए चुना गया। वरना, अधिकांश एलायड वाले आईएएस सोर्स, पैरवी या फिर सत्ताधारी पार्टी की खास नजरे इनायत की वजह से चयनित हो जाते हैं। आरएस विश्वकर्मा छत्तीसगढ़ में लगातार चार जिलों के कलेक्टर रहे। उसमें भी जशपुर, रायगढ़, कोरबा और राजनांदगांव जैसे जिले शामिल थे। ये चारों जिले पोस्टिंग की दृष्टि से काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। इसके अलावा वे बस्तर के डेवपलमेंट कमिश्नर भी रहे। रमन सरकार ने कमिश्नरी सिस्टम लागू करने से पहले कुछ महीनों के लिए बस्तर और सरगुजा में ट्रायल के तौर पर डेवलमेंट कमिश्नर की नियुक्ति की थी।
आरएस विश्वकर्मा की सेवानिवृत्त के बाद राज्य सरकार ने उन्हें पीएससी का चेयरमैन अपाइंट किया। पीएससी चेयरमैन के तौर पर भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। इंटरव्यू समाप्त होने के घंटे भर के भीतर रिजल्ट निकालने की परंपरा उन्होंने शुरू की। दो बार ऐसा हुआ कि पीएससी मेंस का इंटरव्यू खतम होने के घंटे भर बाद रिजल्ट आउट हो गया। इससे पीएससी में पारदर्शिता बढ़ी। किसी को खेला करने का मौका नहीं मिलता था। चूकि पीएससी चेयरमैन का रिटायरमेंट एज 62 साल है और वे आईएएस से 60 वर्ष में रिटायर हुए थे। सो, पीएससी में उन्हें दो साल ही काम करने का मौका मिल पाया।