विश्वकर्मा समाज की सत्ता में भागीदारी के लिए कृत संकल्पित है विश्वकर्मा एकीकरण अभियान- जेएन विश्वकर्मा

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लखनऊ। आजादी के 77 वर्षों बाद भी विश्वकर्मा समाज को सत्ता में भागीदारी नहीं मिल सकी जिसके कारण समाज के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तबके के लोगों को प्रत्येक स्तर पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सत्ता में बैठे लोग विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा करते हैं। जब तक सामाजिक संगठन से जुड़ा व्यक्ति सत्ता में नहीं पहुंचेगा तब तक विश्वकर्मा समाज की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकेगा। उक्त विचार विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के प्रमुख सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी जेएन विश्वकर्मा ने ककुहासवंशी विश्वकर्मा मंदिर मकबूल गंज लखनऊ में आयोजित विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के 22वें अभियान दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों की सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि अभियान समाज की सत्ता में भागीदारी के लिए संकल्पित है। जिसमें प्रत्येक स्वयंसेवक को अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। विश्वकर्मा एकीकरण अभियान के प्रदेश प्रभारी नरेश पांचाल ने कहा कि समाज की सत्ता में भागीदारी के लिए पिछले तीस वर्षों से जो संघर्ष किया था वह अब निर्णायक मोड़ पर है। अब संगठन से जुड़े व्यक्ति को सरकार व सत्ता में भागीदारी मिलना निश्चित है। ऐसा व्यक्ति जो समाज के लिए संघर्ष करने वाला हो और समाज को साथ लेकर चलने वाला हो। सभा को केंद्रीय संचालक राम सुमिरन शर्मा, रामनरेश शर्मा, श्याम नारायण विश्वकर्मा, फूल चंद्र विश्वकर्मा, डॉ सुधीर शर्मा, डॉ सोनू विश्वकर्मा ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएल यादव रहे व अध्यक्षता जेएन विश्वकर्मा ने की। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश प्रभारी नरेश पांचाल ने किया। लखनऊ से काशी प्रसाद विश्वकर्मा, अहिबरन सिंह अपनी टीम के साथ शामिल हुए। आजमगढ़ से बेचू विश्वकर्मा, शाहजहांपुर से जगन्नाथ शर्मा, महेश योगी, लखीमपुर से गौरीशंकर विश्वकर्मा सहित अनेक स्वयंसेवकों ने सहभागिता की।

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