डॉ0 माणिक विश्वकर्मा ‘शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान’ से अलंकृत
रायपुर। रायपुर के मैग्नेटो मॉल के सामने होटल क्लार्क में आयोजित दो दिवसीय छत्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव में ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ0 माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ को उत्कृष्ट लेखन के लिये ‘शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान’ से अलंकृत किया गया। महोत्सव के मुख्य अतिथि शिक्षामन्त्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने डॉ0 माणिक को सम्मानित किया। अपनी लेखन शैली से प्रभावित व भाव-विभोर कर देने वाले नवरंग की उपलब्धि पर साहित्य जगत में गौरव व हर्ष की लहर है।
महोत्सव के मुख्य अतिथि शिक्षामन्त्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, विशिष्ट अतिथि विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलपति डॉ0 केशरी लाल वर्मा, संपादक छत्तीसगढ़ मित्र डॉ0 सुशील त्रिवेदी एवं वरिष्ठ लेखक डॉ0 परदेशी राम वर्मा ने राज्य के विभिन्न जिलों से आये लगभग 200 साहित्यकारों की उपस्थिति में डॉ0 माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ की दो कृतियों ‘गाँव के हो गए’ एवं बालकों के सहयोग से प्रकाशित ‘रिश्ते टूट गए’ का विमोचन किया। इस मौके पर डॉ0 नवरंग को हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए श्रीफल, शाल एवं शिवनाथ स्वाभिमान सम्मान से अलंकृत किया गया।
परिचर्चा सत्र में डॉ0 नवरंग ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु सर्वमान्य छत्तीसगढ़ी व्याकरण, शब्दकोश, मानक उच्चारण, भाषा अनुसंधान एवं प्रकाशन केन्द्र का भाषा उपयोगिता संबंधित प्रतिवेदन एवं भाषा बोलने वालों का प्रमाणित दस्तावेज होना जरूरी है। छत्तीसगढ़ी साहित्य में गद्य लेखन के महत्व को रेखांकित किया।
इस अवसर पर लोकाक्षर के संपादक नंद किशोर तिवारी, डॉ0 विनयकुमार पाठक, डॉ0 चितरंजन कर, मुकुंद कौशल, डॉ0 सत्यभामा आडिल, जागेश्वर प्रसाद, डॉ0 सोमनाथ यादव, डॉ0 सुधीर शर्मा, अरुण निगम, डॉ0 पी0सी0 लाल यादव, सुशील भोले, डॉ0 तृषा शर्मा, सुधा वर्मा, डॉ0 विनोद वर्मा, डॉ0 दीनदयाल साहू, राजकुमार सोनी, सत्यप्रकाश सिंह, गया प्रसाद साहू, राजेन्द्र ओझा, वासंती वर्मा, सरला शर्मा, शशि दुबे, अनसुइया अग्रवाल, शकुंतला तरार एवं मृणालिनी ओझा उपस्थित रहे।