डॉ0 लालचंद्र विश्वकर्मा अमेरिका में करेंगे न्यूरो साइंस में रिसर्च
महोबा। जिले के ब्लाक चरखारी अंतर्गत ग्राम अनघोरा निवासी डॉ0 लालचंद्र विश्वकर्मा अब अमेरिका में न्यूरो साइंस में रिसर्च करेंगे। वर्तमान में वह दिल्ली के एम्स में कार्यरत हैं। अखिल भारतीय शोधार्थी संघ के अध्यक्ष लालचंद्र की सफलता ने जिले सहित विश्वकर्मा समाज का गौरव बढ़ाया है।
ग्राम अनघोरा में 10 मई 1983 को शिक्षक के घर जन्मे लालचंद्र ने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से 1993 में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की। चरखारी के गंगा सिंह इंटर कालेज से हाई स्कूल और इंटर करके वर्ष 2000 के बाद उन्होंने राठ के ब्रह्मानंद महाविद्यालय से वर्ष 2003 में बीएससी की। वर्ष 2005 में विपिन बिहारी महाविद्यालय झांसी से पीएचडी करके दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से शोध किया। एक अखबार में उनका शोध प्रकाशन के बाद न्यूरो साइंस में अव्वल रहे। डॉ0 लालचंद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संघ के अध्यक्ष बन गए।
दिल्ली एम्स में कार्यरत डाक्टर को अमेरिका के ड्रेक्सेल युनिवर्सिटी आफ मेडिकल कालेज में न्यूरो साइंस विषय में किस प्रकार मनुष्य के दिमाग का संबंध शरीर के तमाम तंत्र के साथ रहता और कैसे तंत्र काम करता है, पर शोध के लिए चुना गया है। पिता गिरजा दयाल विश्वकर्मा ने बताया की 25 फरवरी को उसके लिए अमेरिका जाने की फ्लाइट निर्धारित है। दो अन्य पुत्र में एक रेलवे और दूसरे शिक्षक हैं।
विश्वकर्मा समाज का मान और सम्मान की बात है