बिना एकजुटता के विश्वकर्मा समाज का विकास सम्भव नहीं– रामआसरे विश्वकर्मा

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कौशाम्बी। जातीय जनगणना से विश्वकर्मा समाज को वास्तविक हिस्सेदारी, आरक्षण और अधिकार मिलना सम्भव होगा, भाजपा द्वारा विश्वकर्मा समाज गुमराह होने से बचे। उक्त बातें सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने करारी मैरिज हाल मंझनपुर में आयोजित विश्वकर्मा समाज के सम्मेलन में कही। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद विश्वकर्मा तथा संचालन कृष्ण चन्द विश्वकर्मा ने किया। इस सम्मेलन का आयोजन जिलाध्यक्ष डॉ0 शैलेन्द्र विश्वकर्मा ने किया।

पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार में विश्वकर्मा समाज के सामने सम्मान बचाने, अधिकार लेने, आरक्षण, नौकरी व रोजगार में हिस्सेदारी लेने का संकट है। समाजवादी पार्टी की सरकार में विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित करने, समाज को वर्कशॉप हेतु जमीन का पट्टा देने, नौजवानों को आईटीआई का प्रमाणपत्र देने तथा युवकों को नौकरी व रोजगार देने का काम किया गया था। भाजपा सरकार में विश्वकर्मा समाज पर अपमान, अत्याचार, उत्पीड़न बढ़ा है।

कहा कि भाजपा ने विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को निरस्त कर भगवान विश्वकर्मा का अपमान किया। 25 साल बाद भाजपा को विश्वकर्मा समाज को एमएलसी बनाने की याद आयी, जबकि नेताजी स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव ने 1998 में राम आसरे विश्वकर्मा को एमएलसी बना दिया था। भाजपा ने विश्वकर्मा को वोट के लालच में एमएलसी बनाया। सरकार में हिस्सेदारी लेने से ही समाज का विकास सम्भव होगा। सपा ने 2003 में राम आसरे विश्वकर्मा को शिक्षामंत्री बनाकर समाज को हिस्सेदारी दी थी। सपा ही समाज को अधिकार सम्मान आरक्षण नौकरी रोजगार दे सकती है दूसरा कोई नहीं।

मंच पर कृष्णा विश्वकर्मा, शैलेन्द्र विश्वकर्मा, कृष्ण चन्द विश्वकर्मा, शिव प्रसाद विश्वकर्मा, रग्घू विश्वकर्मा, अमित विश्वकर्मा, राम निरंजन विश्वकर्मा, रमाकांत शर्मा एडवोकेट, प्रेमनाथ विश्वकर्मा, सत्येन्द्र विश्वकर्मा, वंशराज विश्वकर्मा व अन्य मौजूद रहे।

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