अधिकार पाने को सड़कों पर उतरा बिहार लोहार समाज, राजभवन पर किया प्रदर्शन
पटना। बिहार में लोहार (LOHARA) समाज के लोगों ने अनुसूचित जनजाति की मांगों को लेकर राज्यस्तरीय रैली/प्रदर्शन किया और बिहार के राज्यपाल को ज्ञापन दिया। ज्ञापन से पूर्व प्रदेश भर से जुटे लोहार समुदाय ने सड़कों पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
आयोजक राजकिशोर शर्मा ने बताया कि बिहार का लोहार समाज 1950 से भारत सरकार के अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में नोटिफाइड है, लेकिन पूर्व की सरकारों द्वारा गलत तरीके से लोहार जनजाति के लोगों को दो नामों लोहार और लोहारा में बांट दिया गया। जबकि लोहारा नाम की कोई जाति पूरे भारत में नहीं पाई जाती। यह एक काल्पनिक शब्द है और लोहार को ही बोलचाल के भाषा में लोहारा भी बोला जाता है। इस काल्पनिक शब्द के वजह से वर्तमान समय में बिहार का लोहार समाज अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि लोहार समाज भारत सरकार से मांग करता है कि भारत सरकार जल्द से जल्द इस त्रुटि को ठीक करते हुए बिहार के लोहार समाज को उसका संविधानिक अधिकार प्रदान करे। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा गलती सुधारने से ही हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य को बच सकता है, बिहार के लोहार समाज का अस्तित्व बच सकता है।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक तरफा फैसला देकर लोहार जनजाति को अपने अधिकारों से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के विरोध में सम्पूर्ण बिहार लोहार समाज के तमाम संगठन सड़क पर राज्यपाल से मिलने के लिए मार्च निकाला है। बिहार के सभी जिलों से हजारों की संख्या में पुरूष, युवक व महिलाओं ने बड़ी संख्या में पहुंच कर कर मार्च में भाग लिया।
लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकिशोर शर्मा, सचिव अमर विश्वकर्मा, परमेश्वर विश्वकर्मा, देवेंद्र विश्वकर्मा, सतीश शर्मा, भीम शर्मा, लोहार कल्याण समिति के अध्यक्ष धर्मेद्र शर्मा, सत्य नारायण शर्मा, वसुजीत शर्मा, शंभू शर्मा सहित हजारों लोगों ने भागीदारी निभाई।