जहां इंजीनियर हुए फेल वहां 10वीं पास यशवंत विश्वकर्मा बनाएगा पाताल सोख्ता

बालोद। रेलवे द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से बिना फाटक वाले क्रासिंग पर अंडरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन ऐसे ब्रिज में हमेशा पानी भरने की शिकायत रहती है। शहर के राजनांदगांव मार्ग में पाररास बूढ़ापारा के बीच भी अंडरब्रिज दो करोड़ की लागत से बना है। जिसमें पानी भरने से कई दिनों तक रास्ता बंद हो जाता है। इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कई बार नागरिक आन्दोलन कर चुके हैं। बड़े-बड़े इंजीनियर तक यहां होने वाले पानी के सीपेज को रोक नहीं पा रहें हैं। अब इस समस्या का नेवारीकला के एक किसान का बेटा यशवंत विश्वकर्मा, जो दसवीं तक पढ़ा है, वह समाधान निकालेगा। किसान पुत्र यशवंत विश्वकर्मा का दावा है कि उनका बनाया हुआ पाताल सोख्ता पानी को सोंख देगा।
प्रयोग सफल हुआ तो रेलवे की बड़ी समस्या हल हो जाएगी—
कुछ दिन पहले ही रेलवे ने उसे सोख्ता बनाने की अनुमति दी है। शनिवार को शाम 6 बजे से अंडरब्रिज के बगल में संपवेल के पास सोख्ता बनाने के लिए बोर खुदाई का काम शुरू हुआ। रेलवे ने पहली बार किसी मिस्त्री को इस तरह अपनी जमीन पर बोर करने व सोख्ता बनाने की अनुमति दी है। यह पहला प्रयोग है। अगर इसमें सफलता मिलती है तो रेलवे इसी मिस्त्री को अन्य अंडरब्रिज में भरने वाले पानी को रोकने के लिए सोख्ता बनाने का टेण्डर देगी।
25 साल का अनुभव है सफलता जरूर मिलेगी—
मिस्त्री यशवंत विश्वकर्मा ने बताया कि लगभग 25 साल से वह बोर बनाने का काम कर रहा है। काम के दौरान ही उन्हें इसका अनुभव हो गया कि हम कैसे सोख्ता बना सकते हैं और भूगर्भ तक अतिरिक्त पानी को कैसे पहुंचा सकते हैं। उन्होंने नेवारीकला के पूर्व सरपंच पूर्णिमा संतोष केसरिया के खेत में भी एक सोख्ता बनाया है। जिससे पानी निकासी की समस्या दूर हो गई। उनका खेत अन्य किसानों के खेत के बीचो-बीच है।
मिस्त्री खुद का पैसा लगाकर खेल रहे दांव—
रेलवे ने अपनी जमीन पर बोर खुदाई के लिए एकाएक अनुमति नहीं दी है। उन्होंने मिस्त्री के सामने यह शर्त रख दी है कि अगर उनका सोख्ता का सिस्टम सफल नहीं होता है तो उन्हें कोई पैसा भुगतान नहीं किया जाएगा। वही मिस्त्री ने भी शर्त रखी है कि अगर वे इसमें सफल होते हैं तो उन्हें अन्य ब्रिज में भी सोख्ता बनाने का टेंडर दिया जाएगा। मिस्त्री ने कहा कि सोख्ता बनाने में करीब 80 हजार खर्च आएगा। सफलता मिली तो फिर उन्हें एक बड़ा रोजगार मिल जाएगा। इसके लिए वे कई सालों से प्रयास कर रहे थे। कई बार कलेक्टर जनदर्शन में भी आवेदन दे चुके थे कि उन्हें सरकारी जमीनों पर जहां पानी भरता है, वहां सोख्ता बनाने की अनुमति दी जाए। पार्षद कसमुद्दीन कुरैशी ने कहा कि अगर सोख्ता सफल हुआ तो यह रास्ता कभी बंद नहीं होगा। यह शहर की ज्वलंत समस्या है। इससे लोगों को राहत मिल जाएगी।