विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर बनाये अपनी ताकत- कालूराम लोहार

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पुदुकोत्तई। अखिल भारतीय विश्वकर्मा संगठन तमिलनाडु द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सामान्य बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के मुख्य अतिथि पुदुकोत्तई के महाराजाधिराज 1008 नरेश वी0आर0 कार्तिक थोंडाइमैन, मोहन आचारी पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ABVM, कालूरामजी लोहार राजस्थान राष्ट्रीय महासचिव ABVSM, विशेष अतिथि एन0 कृष्णमूर्ति मुम्बई, एस0ए0 राजामहालिंगम, वेणु महादेव विजयवाड़ा, एस0 एन0 अयप्पन त्रिची, के0 मूर्ति, एस0 थिरुपाटी राजन मदुरई, आर0 रामामूर्ति बेंगलुरु, एस0के0 शिवकुमार सतपथी चेन्नई, एम0 मरूधा राजा गणेश उपस्थित रहे। सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम आयोजक व संस्था के अध्यक्ष चेनजी ए0 कुमार आचारी, महासचिव ई0 माणिक वेलु, उपाध्यक्ष टी0 विरा पथराचारी, कोषाध्यक्ष आर0 शिवकुमार, एन0एस0 रमेश वील्लीपुरम, के0 वेंकटाटेशन, जी0 सुगूमार पांडिचेरी, के0पी0 शिवनेशन, एम0के0 सैंथिल कुमार, वी0 जगदीशन, डी0 जगदीशन, एम0एस0 आनंद आदि पदाधिकारी द्वारा भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर पर दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन किया गया। सभी अतिथियों को शाल व मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित समाज के कई प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी, समाजसेवी व समाज के प्रमुख सैकड़ों लोग सम्मिलित हुए।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कालूराम लोहार ने कहा कि आज देश में विश्वकर्मा वंश परंपरागत कारीगर समाज (लुहार, सुथार, कंसारा, सोमपुरा, कुम्हार, सोनी) के साथ हिंदुस्तान की राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा इस देश में कारीगर समाज के लिए कोई मंच या संगठन नहीं है। कोई आयोग नहीं है, कोई निगम नहीं है, कोई मंत्रालय नहीं है, कोई बैंक नहीं, किसी राज्य के इंडस्ट्रीज में छोटे-छोटे वर्कशॉप के लिए शेड नहीं। बच्चों के शिक्षा व रोजगार के लिए सरकार द्वारा इस समाज के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है। सरकारों द्वारा सभी योजनाएं किसानों, उद्योगपतियों, पशुपालकों, आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यकों, राजनीति में प्रभावशाली अन्य जाति के विकास के लिए बनाई जाती हैं। हिंदुस्तान को आजाद हुए 70 साल ज्यादा हो गया, इसके बावजूद भी इस कारीगर समाज की अनदेखी हो रही है। कालूरामजी ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजो का आदिकाल से ही देश और दुनिया के विकास, राजा-रजवाड़ों के किले, बड़े-बड़े मंदिर, राजा-रजवाड़ों के समय हथियार, इस कृषि प्रधान देश में औजार एवं जीवन-यापन के लिए रोजी के औजार तथा तकनीकी एवं इंजीनियरिंग के निर्माण क्षेत्र तथा देश के राजनीति क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है। देश का विकास और निर्माण विश्वकर्मा समाज से ही प्रारम्भ हुआ था। अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन लोहार और भारत के राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मावंश में पैदा होकर विश्वकर्मा समाज के नाम को आगे बढ़ाया। मगर आज विश्वकर्मा समाज की राजनैतिक भागीदारी शून्य है। देश की लोकसभा, विधानसभा और सरकार मे विश्वकर्मा समाज के विधायक, सांसद व मंन्त्री नहीं हैं जिसके कारण विश्वकर्मा समाज की बात लोकसभा और विधानसभा में नहीं उठायी जाती। सरकारें हमारी समस्याओं की तरफ ध्यान नही देती और न हमारे विकास के लिये योजनाएं और कानून बनाती हैं। इसलिये आज हम विकास की दौड़ में सबसे पीछे रह गये हैं। हमारी हैसियत निर्माणकर्ता से मजदूर बनकर रह गयी।


कालूराम जी ने कहा कि पूरे देश में क्षेत्रीय पार्टीयों ने विधायक और मंत्री बनाए, सत्ता व सरकार में भागीदारी भी दी। आखिर राष्ट्रीय पार्टीयों की सरकारें कब तक विश्वकर्मा समाज की उपेक्षा करती रहेंगी। हमारी मांग है कि सरकार विश्वकर्मा समाज को उनकी जनसंख्या के अनुरूप लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और सरकार में भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करे। केन्द्र सरकार 17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा पूजा दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करे। केन्द्र सरकार कारीगरों की उन्नति के लिये विश्वकर्मा कारीगर आयोग, कारीगर मंत्रालय, कारीगर विकास बोर्ड का गठन करे। सरकार विश्वकर्मा टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, विश्वकर्मा छात्रावास का निर्माण कराये। सरकार सरकारी संस्थाओं एवं कॉरपोरेट जगत की इकाइयों में एवं भवन निर्माण कंपनियों में वंश परंपरागत कारीगर समाज का इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल, कारीगर संबंधी कुछ प्रतिशत आरक्षित हिस्सा सुनिश्चित करें। सभी विश्वकर्मा बन्धुओं से अपील है कि वे विश्वकर्मा समाज के अधिकार सम्मान और गौरव को बचाने के लिये पूरे देश व राज्य में विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर बड़ी सामाजिक ताकत और राजनैतिक ताकत बनाये। अपने अधिकार व सम्मान को पाने के लिये स्वंय आगे आकर पूरे देश में विश्वकर्मा समाज का एक फेडरेशन बनाकर जन जागृति व चिंतन शिविर के द्वारा सामाजिक परिवर्तन ला कर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखकर समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम करें।
मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, संस्था के पदाधिकारी व अन्य जिलों के पदाधिकारियों, वकील, डॉक्टर व बुद्धिजीवियों ने शिक्षा, राजनीति व समाज के बारे में विचार व्यक्त किये। साथ ही महिलाओं को सिलाई मशीन वितरण किये।
इस कार्यक्रम में राजस्थान के प्रवासी नागराज लोहार, केसाराम लोहार, मुकेश कुमार, वर्दीचंदजी सोनी, पुखराज सोनी, गणपतलाल सुथार उपस्थित रहकर मुख्य अतिथि, अध्यक्ष व महासचिव का सम्मान किया।

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