रोजगार स्वाभिमान आन्दोलन के तहत विश्वकर्मा समाज ने दिया धरना
वाराणसी। ऑल इण्डिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में विश्वकर्मा समाज के वंशानुगत एवं परंपरागत कारीगरों तथा शिल्पकारों के साथ हो रहे भेदभाव एवं उपेक्षा के खिलाफ रोजी—रोटी तथा रोजगार के अधिकार एवं सरकारी योजना अन्तर्गत भ्रष्टाचार से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों को लेकर विगत लम्बे अरसे से आन्दोलन किया जा रहा है। इसी क्रम में विश्कर्मा समाज के कारीगरों एवं शिल्पकारों ने बड़ी संख्या में वाराणसी के लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में रोजगार अधिकार स्वाभिमान आन्दोलन के तहत धरना दिया।
धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार इस समाज की घोर उपेक्षा की जा रही है जिससे समाज के लोगों में गहरी निराशा और आक्रोश है। नेताओं ने लोकसभा चुनाव से पहले आर-पार की निर्णायक लड़ाई लड़ने का ऐलान करते हुए सरकार से मांग किया कि पुश्तैनी कारीगरों एवं शिल्पकारों के आर्थिक विकास के लिए दस्तकार शिल्पकार विकास निगम का गठन किया जाय तथा 7 अगस्त को प्रस्तावित हैण्डलूम दिवस को शिल्पकार दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की जाय। सभा में नेताओं ने कहा कि सरकार दस्तकारों—शिल्पकारों और बुनकरों के बीच भेदभाव कर उन्हें बांटने का कार्य कर रही है, जबकि बुनकरी का काम भी दस्तकारी एवं शिल्पकार की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। नेताओं ने कहा कि एक ओर सरकार जहां बुनकरों को कम्पाउण्ड दर पर बिजली, कच्चा माल, विपणन बाजार रेट आदि अनेक योजनाओं से लाभान्वित कर रही है वहीं दूसरी ओर पुश्तैनी शिल्पकारों को इन सभी योजनाओं से वंचित करके इनके साथ घोर भेदभाव और अन्याय कर रही है।
इतना ही नहीं योजनाओं से सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सांठगांठ से स्थानीय एनजीओ बिचौलिये की भूमिका में लूट-खसोट कर रहे हैं जिसके फलस्वरुप शिल्पी कारीगर सरकार की योजनाओं से वंचित होकर बदहाली के कगार पर हैं। धरना के दौरान प्रधानमन्त्री को सम्बोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया।
धरना का नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने किया तथा अध्यक्षता बचाऊलाल विश्वकर्मा एवं संचालन भैरो विश्वकर्मा ने किया। धरना कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉक्टर अरविन्द गांधी, श्रीकांत विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, भरत विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, रामचन्द्र शर्मा, रोशन विश्वकर्मा, श्रीमती पुष्पा देवी, डॉ0 राम अधार विश्वकर्मा, कन्हैयालाल शिल्पी, प्यारेलाल, अजीत विश्वकर्मा, किरन विश्वकर्मा, ओंकारनाथ विश्वकर्मा, वासुदेव विश्वकर्मा, गोविंद विश्वकर्मा, मोहित विश्वकर्मा, रामबाबू विश्वकर्मा, गोपाल विश्वकर्मा, सोनू लाल विश्वकर्मा, दीपक विश्वकर्मा, अभिषेक निगम, राजकुमार गुप्ता, राजकुमार सिंह, जितेंद्र कुमार विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।