पंचमुखी विश्वकर्मा पूजा समिति के तत्वावधान में विश्वकर्मा पूजा सम्पन्न
रांची। पंचमुखी विश्वकर्मा पूजा समिति के तत्वावधान में प्राचीन विश्वकर्मा पूजा स्थल, जयप्रकाश नगर कुम्हार टोली, चुन्ना भठा रांची वार्ड 28 में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्वकर्मा पूजा आयोजित की गई। विश्वकर्मा के पांचो पुत्रो लोहार, बढ़ई ठठेरा, कुम्हार, और सोनार द्वारा सामूहिक रूप से जगदगुरू भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे विधि-विधान से कोरोना महामारी के कारण साधारण रूप से समाजिक दूरी रखते हुए सम्पन्न किया गया।
इस पूजा को सफल बनाने में समिति के पदाधिकारीगण निरंजन शर्मा, विनोद कु0 शर्मा, विक्रान्त विश्वकर्मा, राकेश कुमार शर्मा, अवधेश शर्मा, महेश विश्वकर्मा, उदय कुमार, अनिल कसेरा, जगदेव मिस्त्री, अरविन्द विश्वकर्मा, दारा सिंह शर्मा ने प्रमुख रूप सहयोग किया। भगवान विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पी रहे हैं, देवताओं को कई अस्त्र-शस्त्र भगवान विश्वकर्मा ने दिये। विश्वकर्मा वंशज जन्म से इंजीनियर होते हैं। विश्वकर्मा के बिना कोई भी कार्य संभव नही है। आज संसार के सभी संसाधन भगवान विश्वकर्मा का दिया हुआ है। विगत कई वर्षों से विश्वकर्मा वंशजो के द्वारा सामूहिक रूप से रांची में समिति द्वारा पूजा होती आ रही है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा, झारखण्ड प्रदेश के प्रधान महासचिव ने कहा अस्त्र-शस्त्र प्रदान करने वाले जगद्गुरू भगवान विश्वकर्मा के वंशजो लोहार, बढ़ई, ठठेरा, कुम्हार, और सोनार के द्धारा निर्मित वस्तुओं का उपयोग पूरा संसार करता है। इनके बिना कुछ भी नहीं है। इस समाज के लोग दूसरों को देते हैं, राज्य एवं देश के विकास मे बहुत बड़ा योगदान रहा है। संसार के उद्योग-धंधे, पानी जहाज से लेकर हवाई जहाज तक निर्माण इन्हीं की देन है। इसके बावजूद विश्वकर्मा वंशजो को अधिकार नही मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन विश्वकर्मा वंशजो ने किया।