विश्वकर्मा मंच झारखण्ड ने आयोजित किया सम्मान समारोह

रांची। विश्वकर्मा मंच झारखंड द्वारा अभिनन्दन समारोह का आयोजन जय प्रकाश नगर, कुम्हार टोली विश्वकर्मा सेवा भवन, रांची में आयोजित किया गया। इस समारोह मे मुख्य रूप से झारखंड में लोहार समाज के अनिसुचित जनजातियों के मुद्दे पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान भिन्न-भिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि लोहार विकास मंच, बिहार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा का अभिनन्दन किया गया। इसके पूर्व भगवान विश्वकर्मा के चित्र के पास दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया गया। इसके साथ ही लोहार अनुसूचित जनजाति की समस्या रखी गई। तत्पश्चात राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा जी ने कहा कि बिहार हो या झारखंड अनुसूचित जनजाति हमारा संवैधानिक अधिकार है जिसे कोई इसे छीन नहीं सकता।
उन्होंने बताया कि 1950 राष्ट्रपति आर्डर के आलोक में रोमन लिपि लोहारा (LOHARA) हिंदी लोहार को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है जिसे कोई छू नहीं सकता मगर राजनीतिक कमजोरी के कारण आरक्षण मे लोहार विरोधी भिन्न-भिन्न तरह से छेड़छाड़ कर अड़चन पैदा कर रहे हैं, जो गैर संवैधानिक है। उन्होंने चैलेंज किया कि रोमनलिपि लोहारा
(LOHARA) ही लोहार है। झारखंड में जितने भी सांसद विधायक हैं उन्हें इस सत्य की लड़ाई में साथ देना चाहिए।
उन्होंने झारखंड में लोहार समाज की लड़ाई मजबूती से लड़ने का आह्वान किया, साथ ही झारखंड प्रदेश में रहने वाले हर जिला के लोहार भाइयों को एकजुट होने का आह्वान किया। श्री शर्मा ने कहा कि जल्द ही लोहार विकास मंच एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया जायेगा जिसमें लोहार को पुनः सूची में जोड़ने के लिए मांग की जायेगी। क्योंकि लोहार LOHARA शब्द से ही लोहरा शब्द की उत्पत्ति हुई है 1950 में लोहार ST हुआ 1956 में लोहरा को जोड़ा गया। लोहार को ST से हटा देने का बात करने वाला कोई अल्पज्ञानी ही होगा। लोहरा के आरक्षण से लोहार समाज को कोई आपत्ति नही हैं। मगर लोहार के बगैर लोहारा का कोई अस्तित्व नहीं है।
समारोह की अध्यक्षता श्रीकांत शर्मा ने किया तथा संचालन राकेश शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप कुमार विश्वकर्मा ने किया। मौके पर बिनोद शर्मा उर्फ नन्हे, विजय शर्मा, मनोज शर्मा, अरबिंद मिस्त्री, नारायण विश्वकर्मा, विक्रांत विश्वकर्मा, प्रदीप विश्वकर्मा, विनोद शर्मा सहित समाज के काफी लोग उपस्थित थे।